शरद पवार ने अटकलों पर लगाया विराम, बोले- बेबुनियाद है राष्ट्रपति उम्मीदवार बनने की बात

पवार ने आगे कहा कि मुझे इस बात की जानकारी नहीं है कि प्रशांत किशोर ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए किस प्रकार की रणनीति बनाई है. उन्होंने कहा कि वे जब मुझसे मुलाकात किए, तो उनकी यह मुलाकात गैर-राजनीतिक थी. इस बैठक के दौरान 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर किसी प्रकार की बातचीत नहीं हुई है.

By Prabhat Khabar Print Desk | July 14, 2021 8:55 PM

नई दिल्ली : राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के सुप्रीमो शरद पवार ने राष्ट्रपति का चुनाव लड़ने के सियासी अटकलों पर विराम लगाते हुए कहा है कि इस तरह की सारी बातें बेबुनियादी हैं कि प्रशांत किशोर ने मुझसे राष्ट्रपति उम्मीदवार बनने को लेकर मुलाकात की है. उन्होंने कहा कि इसका कोई सवाल ही नहीं उठता है.

पवार ने आगे कहा कि मुझे इस बात की जानकारी नहीं है कि प्रशांत किशोर ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए किस प्रकार की रणनीति बनाई है. उन्होंने कहा कि वे जब मुझसे मुलाकात किए, तो उनकी यह मुलाकात गैर-राजनीतिक थी. इस बैठक के दौरान 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर किसी प्रकार की बातचीत नहीं हुई है.

बता दें कि मंगलवार को प्रशांत किशोर ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी महासचिव के साथ मुलाकात की थी. कांग्रेस के इन दो नेताओं के साथ प्रशांत किशोर की हुई बैठक के बाद देश में सियासी अटकलें तेज हो गईं कि वे 2024 के लोकसभा चुनाव और 2022 के राष्ट्रपति चुनाव को लेकर विपक्ष को साधने में जुट गए हैं.

इन्हीं सियासी अटकलों में यह बात भी सामने आईं कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद प्रशांत किशोर करीब तीन पर एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार से भी मुलाकात कर चुके हैं. इस दौरान उन्होंने पवार के साथ राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार बनने को लेकर बातचीत भी की थी.

मीडिया की खबरों में यह कयास भी लगाए कि प्रशांत किशोर इस बात पर भरोसा नहीं करते कि तीसरा और चौथा मोर्चा 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को चुनौती दे सकेंगे. राहुल और प्रियंका गांधी के साथ हुई मुलाकात के साथ मिलकर वे नरेंद्र मोदी सरकार और भाजपा को विपक्ष की ओर से नए तरीके से एकजुट की रणनीति के तहत काम कर रहे हैं, जो अगले साल होने वाले राष्ट्रपति चुनाव पर केंद्रित होगा.

खबरों में यह भी कहा गया कि प्रशांत किशोर के रिश्ते ममता बनर्जी, शरद पवार, जगन रेड्डी, अरविंद केजरीवाल, एमके स्टालिन और उद्धव ठाकरे समेत देश के कई बड़े नेताओं के साथ अच्छे हैं. ऐसे में अगर वे विपक्ष को भाजपा और मोदी सरकार के मुकाबले मजबूती के साथ खड़ा करना चाहते हैं, तो कांग्रेस को साथ लाना होगा.

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