अब हवा में ही मर जाएगा कोरोना वायरस, वैज्ञानिकों ने लॉन्‍च किया ‘catch and kill एयर फिल्‍टर

Scientists develop, ‘catch and kill’, air filter , kill coronavirus : हवा में कोरोना के फैलने का लेकर जारी चर्चा के बीच कुछ वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि उन्‍होंने एक ऐसा एयर फिल्‍टर विकसित कर लिया है, जिससे कोरोना वायरस को हवा में ही पकड़कर उसे मारा जा सकता है. वैज्ञानिकों ने उस एयर फिल्‍टर का नाम 'catch and kill' दिया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 8, 2020 4:48 PM

नयी दिल्‍ली : देश-दुनिया में कोरोना का कहर तेजी से जारी है. बढ़ते कोरोना संकट को देखते हुए 32 देशों के 200 से अधिक वैज्ञानिकों ने जो दावा किया है उससे लोगों में दहशत फैल गयी है. वैज्ञानिकों का दावा है कि हवा में भी कोरोना फैल चुका है. हालांकि WHO ने साफ कर दिया है कि ऐसी कोई भी रिपोर्ट अभी तक नहीं आयी है. बहरहाल चाहे जो भी हो कोरोना की मौजूदा रफ्तार ने सभी को सोचने पर मजबूर कर दिया है.

हवा में कोरोना के फैलने का लेकर जारी चर्चा के बीच कुछ वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि उन्‍होंने एक ऐसा एयर फिल्‍टर विकसित कर लिया है, जिससे कोरोना वायरस को हवा में ही पकड़कर उसे मारा जा सकता है. वैज्ञानिकों ने उस एयर फिल्‍टर का नाम ‘catch and kill’ दिया है.

वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि उनके अविष्कार से वैसे बंद स्थानों जैसे, स्कूल-कॉलेज, अस्पताल या फिर विमान यात्रा में कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोका जा सकता है. जर्नल ‘मैटरियल्स टूडे फिजिक्स’ में प्रकाशित शोध में यह दावा किया गया है कि एयर फिल्टर एक बार में 99.8 % कोविड -19 वायरस को कर दिया.

एयर फिल्‍टर निकेल फोम को 200 डिग्री तक गर्म कर बनाया गया

बताया जा रहा है कि वैज्ञानिकों ने एयर फिल्‍टर को निकेल फोम को 200 डिग्री सेल्सियस तक गर्म कर बनाया है. जिससे घातक जीवाणु बैसिलस एन्थ्रेसिस को 99.9 % नष्ट कर दिया. मालूम हो बैसिलस एन्थ्रेसिस से ही एन्थ्रेक्स जैसी बीमारी होती है.

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अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ ह्यूस्टन के वैज्ञानिक झिफेंग रेन ने बताया कि एयर फिल्‍टर से बंद वाले जगहों पर कोरोना के फैलाव को रोका जा सकता है. उन्‍होंने बताया, इससे कोरोना के खिलाफ जंग में बड़ी मदद मिल सकती है.

हवा में कितनी दूर तक फैल सकता है कोरोना ?

हवा में कोरोना के संक्रमण को लेकर विशेषज्ञों की राय है कि हवा के जरिये कोरोना वायरस फैलता तो है, लेकिन जब कोई संक्रमित व्‍यक्‍ति खांसता है या फिर छींकता है, बोलता है तक. विशेषज्ञों के अनुसार मुंह से निकलने वाले छोटे बूंद हवा में एक मीटर से लेकर छह मीटर तक फैल सकते हैं.

गौरतलब है कि 32 देशों के 239 वैज्ञानिकों ने विश्व स्वास्थ्य संगठन से कहा कि वायरस के वायुजनित होने के सबूत मौजूद हैं और एक छोटा कण भी लोगों को संक्रमित कर सकता है. डब्ल्यूएचओ को लिखे एक खुले पत्र में लोगों को संक्रमित करने की छोटे कणों की भी क्षमता रेखांकित की और एजेंसी से अपने सुझावों में बदलाव करने की अपील की है. हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने उनके दावे को पूरी तरह से खारिज कर दिया है.

Posted By – Arbind kumar mishra

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