Liquor Banned: 1 अप्रैल से 19 शहरों में शराब की बिक्री बंद! जानिए कारण

Liquor Banned: 1 अप्रैल से नई आबकारी नीति लागू होगी, जिसमें 19 स्थानों पर शराब बिक्री प्रतिबंधित की जाएगी, जबकि ‘लो-अल्कोहलिक बेवरेज बार’ की अनुमति दी जाएगी.

By Aman Kumar Pandey | February 18, 2025 5:25 AM

Liquor Banned: मध्य प्रदेश में 1 अप्रैल से नई आबकारी नीति लागू होने जा रही है, जिसके तहत राज्य में पहली बार ‘लो-अल्कोहलिक बेवरेज बार’ शुरू किए जाएंगे. इसके साथ ही, 17 पवित्र शहरों सहित 19 स्थानों पर शराब की बिक्री पूरी तरह प्रतिबंधित कर दी जाएगी. इस नीति के जरिए सरकार सामाजिक और आर्थिक संतुलन बनाए रखने का प्रयास कर रही है.

‘लो-अल्कोहलिक बेवरेज बार’ के नए नियम

इस नीति के तहत खुलने वाले नए बार में केवल बीयर, वाइन और रेडी-टू-ड्रिंक अल्कोहल युक्त पेय पदार्थ ही बेचे जाएंगे, जिनमें अधिकतम 10% वी/वी (वॉल्यूम ऑन वॉल्यूम) अल्कोहल होगी. स्प्रिट युक्त पेय पदार्थ, जैसे कि व्हिस्की, रम और वोडका आदि का सेवन पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा. यह निर्णय सरकार द्वारा संतुलित शराब नीति की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है.

कितने बार और दुकानें होंगी प्रभावित?

वर्तमान में मध्य प्रदेश में करीब 460-470 शराब-सह-बीयर बार संचालित हो रहे हैं, लेकिन नई नीति लागू होने के बाद इस संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हो सकती है. दूसरी ओर, 17 धार्मिक स्थलों सहित कुल 19 स्थानों पर शराब की बिक्री पर प्रतिबंध के कारण राज्य में 47 शराब की दुकानें बंद कर दी जाएंगी.

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इन शहरों में पूरी तरह बंद होगी शराब बिक्री

राज्य सरकार ने उज्जैन, ओंकारेश्वर, महेश्वर, मंडलेश्वर, ओरछा, मैहर, चित्रकूट, दतिया, अमरकंटक और सलकनपुर समेत 19 स्थानों पर शराब की बिक्री को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया है. मुख्यमंत्री मोहन यादव ने 23 जनवरी को इसकी घोषणा की थी, जिसमें धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व वाले स्थानों को विशेष रूप से शामिल किया गया है.

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सरकार को होगा 450 करोड़ रुपये का संभावित नुकसान

शराब की बिक्री पर प्रतिबंध के चलते राज्य सरकार को लगभग 450 करोड़ रुपये के आबकारी राजस्व के नुकसान की आशंका है. हालांकि, सरकार का मानना है कि यह कदम सामाजिक हित को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है और दीर्घकालिक रूप से समाज के लिए फायदेमंद साबित होगा.

शराब पीने और ले जाने पर कोई पाबंदी नहीं

मध्य प्रदेश में बिहार की तरह पूर्ण शराबबंदी लागू नहीं है. इसलिए, जहां शराब की दुकानें बंद की जा रही हैं, वहां लोग बाहर से शराब लाकर व्यक्तिगत रूप से सेवन कर सकते हैं. हालांकि, सार्वजनिक स्थानों पर शराब पीने को लेकर नियम पहले की तरह ही लागू रहेंगे.

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नई आबकारी नीति के अन्य बदलाव

शराब दुकानों के नवीनीकरण शुल्क में 20% की वृद्धि की गई है.

हेरिटेज शराब और वाइन उत्पादन नीति में कोई बदलाव नहीं किया गया है.

विदेशी शराब उत्पादन इकाइयों को विशेष प्रकार की शराब बनाने, भंडारण, निर्यात, आयात और बिक्री की अनुमति दी जाएगी.

प्रदेश की 3600 मिश्रित शराब दुकानें इस वित्तीय वर्ष में लगभग 15,200 करोड़ रुपये का अनुमानित राजस्व जुटा सकती हैं.

नई आबकारी नीति के तहत एक ओर जहां ‘लो-अल्कोहलिक बेवरेज बार’ खोलने की अनुमति दी गई है, वहीं दूसरी ओर धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण स्थानों पर शराब की बिक्री को पूरी तरह से प्रतिबंधित किया गया है. यह नीति राज्य सरकार के लिए एक संतुलित राजस्व मॉडल प्रस्तुत करती है, जिसमें सामाजिक और आर्थिक पहलुओं का ध्यान रखा गया है.

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