सचिन पायलट ने राहुल से की गहलोत की शिकायत, कहा – सीएम के खिलाफ हूं, कांग्रेस के नहीं

Sachin Pilot, met, Rahul Gandhi, Priyanka Gandhi Vadra, Delhi राजस्थान में जारी सियासी संकट के बीच बागी पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने सोमवाार को दिल्ली में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से मुलाकात की. बताया जा रहा है कि मुलाकात के बाद सचिन पायलट की नाराजगी कम हुई है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 10, 2020 7:19 PM

नयी दिल्ली : राजस्थान में जारी सियासी संकट के बीच बागी पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने सोमवाार को दिल्ली में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से मुलाकात की. बताया जा रहा है कि मुलाकात के बाद सचिन पायलट की नाराजगी कम हुई है.

सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि सचिन पायलट ने राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से मुलाकात के दौरान अपनी नाराजगी के बारे में खुल कर बात की. खबर है सचिन पायलट ने AICC के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की और राहुल गांधी के साथ बैठक तय की गई. पायलट ने उन परिस्थितियों को समझाया जिसमें उन्होंने बगावत का निर्णय लिया. उन्होंने बताया कि वो राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ हैं, कांग्रेस पार्टी से उनकी कोई नाराजगी नहीं है.

खबर ये भी है कि सचिन पायलट की शिकायतों को सुनने के बाद निर्णय लिया गया कि वह जल्द ही पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मिलेंगे और इस मुद्दे को हल करने के लिए एक कमेटी का गठन किया जाएगा. दिल्ली में राहुल-प्रियंका के साथ भेंट के बाद अटकलें लगायी जा रही हैं कि पायलट और उनके समर्थक 18 कांग्रेसी विधायकों की पार्टी में वापसी तय है. सूत्रों के हवाले से खबर है कि सचिन पायलट सशर्त पार्टी में वापसी कर रहे हैं.


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दूसरी ओर राजस्थान में जारी सियासी संकट के बीच भाजपा ने एक बार फिर गहलोत सरकार पर बड़ा हमला बोला है. राजस्थान बीजेपी अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा, इंग्लिश में कहें तो ‘द ग्रेट राजस्थान पॉलिटिकल ड्रामा’ और हिंदी में ‘राम लीला’. 31दिन की इस पूरी राम लीला में न भाई जागा, न बहन जी जागी. जनता के सामने 31 दिन का ऑडिट होना चाहिए जिसमें गहलोत साहब को भाषण, फेयरमोंट और सूर्यगढ़ में खर्चे का हिसाब देना चाहिए.

उन्होंने कहा, अभी तक कांग्रेस राजस्थान का भला कैसे करती वो तो भारत में अध्यक्ष नहीं ढूंढ पाई. चुनाव आयोग के पीपुल्स रिप्रेजेंटेशन एक्ट के तहत आज रात तक उनको अध्यक्ष भी तलाशना है. अभी तक अध्यक्ष का फैसला भी नहीं हुआ है, तरस आता है कि ऐसे में राज्य का फैसला कैसे करेंगे.

Posted By – Arbind Kumar Mishra

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