Red Fort Blast: 6 दिसंबर को थी बड़े हमले की तैयारी, 10 नवंबर को ही कर दिया धमाका, ऐसे रची गई थी विस्फोट की साजिश
Red Fort Blast: लाल किले के पास हुए कार धमाके की जांच के आगे बढ़ने के साथ ही इस मामले में कई छिपे राज सामने आने लगे हैं. एक के बाद एक आतंक की कड़ियां जुड़ रही है. नए-नए खुलासे हो रहे हैं. संदिग्ध आतंकी डॉ. उमर नबी 6 दिसंबर को दिल्ली दहलाने की योजना बना रहा था. उसने विस्फोट की गहरी साजिश रची थी.
Red Fort Blast: दिल्ली धमाके की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, परत दर परत नए-नए राज सामने आ रहे हैं. जांच में दहशतगर्दों के खतरनाक मंसूबे भी सामने आए हैं. लाल किला के पास हुए विस्फोट में शामिल कार को घटना के दौरान चला रहा डॉ. उमर नबी का इरादा छह दिसंबर को बाबरी मस्जिद विध्वंस की बरसी के आसपास जोरदार धमाका करने का था. पुलिस ने बताया कि फरीदाबाद स्थित अंतरराज्यीय जैश-ए-मोहम्मद (JEM) आतंकी मॉड्यूल से कथित संबंध रखने के आरोप में गिरफ्तार किये गए आठ लोगों से पूछताछ और उनके परिवार, दोस्तों और पड़ोसियों से बातचीत के आधार पर इस षडयंत्र का खुलासा हुआ.
धरी रह गई दहशतगर्दों की योजना
दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले के डॉक्टर नबी के कश्मीर, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में फैले आतंकवादी नेटवर्क का प्रमुख सदस्य होने की बात भी सामने आई है. हालांकि 10 नवंबर को लाल किला के पास हुए विस्फोट में डॉ. नबी मारा गया, उस धमाके में 12 अन्य लोगों की भी जान चली गई. फरीदाबाद के अल फलाह यूनिवर्सिटी में पढ़ाने वाले डॉ. मुजम्मिल अहमद गनई उर्फ मुसैब की गिरफ्तारी के कारण उसकी योजना धरी की धरी रह गई. मुसैब के कमरे से 360 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट बरामद हुआ था. अधिकारियों ने बताया कि ऐसा माना जा रहा है कि नबी घबरा गया था और विस्फोट दुर्घटनावश हुआ था.
तुर्की की यात्रा के बाद बदली डॉ नबी की विचारधारा
डॉ नबी का शैक्षणिक रिकॉर्ड काफी अच्छा था. लेकिन तुर्की यात्रा के बाद उसकी सोच नाटकीय ढंग से बदल गई. उसके अंदर कट्टरपंथ की भावना जागने लगी थी. इस यात्रा में उसके साथ गनई भी था. गनई जम्मू कश्मीर पुलिस की ओर से गिरफ्तार किये गए आठ लोगों में पहला व्यक्ति था. माना जा रहा है कि इस यात्रा के दौरान दोनों की मुलाकात प्रतिबंधित जैश-ए-मोहम्मद के सक्रिय कार्यकर्ताओं से हुई थी.
जमा कर रहा था विस्फोटकों का जखीरा
तुर्की यात्रा के बाद बदला हुआ डॉ नबी गनई के साथ मिलकर अमोनियम नाइट्रेट, पोटेशियम नाइट्रेट और सल्फर सहित कई विस्फोटक कथित तौर पर इकट्ठा करने लगा. सारे विस्फोटकों को वो अल फलाह परिसर में और उसके आसपास के जगहों पर जमा करने लगा था. नबी ने कुछ लोगों को दिसंबर में अपने आतंकी मंसूबे की जानकारी दी थी. 10 नवंबर को जिस हुंडई आई20 कार को वह चला रहा था, उसमें विस्फोटक सामग्री रखकर इसकी तैयारी शुरू कर दी थी. पुलिस ने बताया कि ऐसा अंदेशा है कि वो इंटरनेट पर उपलब्ध मुक्त स्रोतों से विस्फोट करने में सहायक सर्किट के बारे में जानकारी हासिल कर रहा था.
आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ होने से घबरा गया था डॉ नबी- पुलिस
अधिकारियों ने बताया कि नबी 10 नवंबर को उस समय घबरा गया होगा, जब फरीदाबाद के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने टीवी पर 2,900 किलोग्राम विस्फोटक बरामद करके एक आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ का दावा किया था. इस 2,900 किग्रा विस्फोटक में गनई के किराये के मकान से बरामद 360 किग्रा ज्वलनशील पदार्थ भी शामिल था. अधिकारियों ने बताया कि नबी ने चारदीवारी वाली एक मस्जिद में पनाह ली, जहां वह सोमवार शाम तीन घंटे रुका और फिर गाड़ी चलाते हुए निकल गया जिसमें समय से पहले ही विस्फोट हो गया. अधिकारियों ने बताया कि वीबीआईईडी (VBIED) भी अधूरा था, क्योंकि छर्रे जोड़े जाने बाकी थे.
डॉ नबी के दोस्तों ने किए कई खुलासे
अधिकारियों ने बताया कि 26 अक्टूबर को नबी कश्मीर गया था और फरीदाबाद लौटने से पहले अपने कुछ दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ था. उन्होंने बताया कि इस यात्रा के दौरान उसने अपने करीबी रिश्तेदारों और दोस्तों से कहा था कि वह अगले तीन महीनों तक उपलब्ध नहीं रहेगा. नबी के कई दोस्तों और रिश्तेदारों ने यह बात स्वीकार की है. पुलिस ने कहा कि शायद वो वीबीआईईडी की योजना बनाकर कुछ समय के लिए अंडरग्राउंड हो जाना चाहता था.
अंतरराज्यीय आतंकी नेटवर्क का ऐसे हुआ पर्दाफाश
आतंकी नेटवर्क का पर्दाफाश पोस्टर मामला की जांच से शुरू हुआ. श्रीनगर में जैश-ए-मोहम्मद के समर्थन में पोस्टर लगाने के एक मामले में श्रीनगर पुलिस की गहन जांच के बाद गनई की गिरफ्तारी होने पर योजना ने यूटर्न ले लिया. यह पोस्टर 19 अक्टूबर को शहर की दीवारों पर चिपकाए गए थे. यहीं से मामले की जांच शुरू हुई. सीसीटीवी फुटेज में गनई और कुछ अन्य लोगों को इस कांड में शामिल देखा गया, जिसके बाद अंतरराज्यीय आतंकी नेटवर्क का पर्दाफाश हुआ. (इनपुट भाषा)
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