इतिहास में पहली बार राज्यसभा में बीजेपी सांसदों की संख्या 100 के पार, फिर भी बहुमत से दूर

BJP, Rajya sabha: कोरोना संकट के इस दौर में 19 जून को आठ राज्यों की 19 सीटों पर राज्यसभा चुनाव हुआ. इसमें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को आठ सीटों पर जीत हासिल हुई. इसमें एनडीए को कुल 11 सीटों (3 निर्विरोध ) पर जीत हासिल हुई. इससे पहले एनडीए की राज्यसभा में 90 सीटें थीं. इस तरह देश की राजनीति के इतिहास में पहली बार एनडीए की राज्यसभा सीटों 100 की संख्या को पार कर गई है. इसमें से अकेले बीजेपी के पास 86 सांसद हैं. कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए के पास इस समय 65 सीटें हैं.

By Prabhat Khabar Print Desk | June 22, 2020 1:01 PM

BJP, Rajya sabha: कोरोना संकट के इस दौर में 19 जून को आठ राज्यों की 19 सीटों पर राज्यसभा चुनाव हुआ. इसमें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को आठ सीटों पर जीत हासिल हुई. इसमें एनडीए को कुल 11 सीटों (तीन निर्विरोध ) पर जीत हासिल हुई. इससे पहले एनडीए की राज्यसभा में 90 सीटें थीं. इस तरह देश की राजनीति के इतिहास में पहली बार एनडीए की राज्यसभा सीटों 100 की संख्या को पार कर गई है. इसमें से अकेले बीजेपी के पास 86 सांसद हैं. कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए के पास इस समय 65 सीटें हैं.

1990 के बाद किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं

इतनी बड़ी जीत के बाद भी भाजपा बहुमत के आंकड़े को हासिल नहीं कर सकी है. यहां ये जानना जरूरी है कि 1990 के बाद से उच्च सदन में किसी एक पार्टी को बहुमत नहीं मिल सका है. है. केंद्र में भले ही किसी भी पार्टी की सरकार रही है, लेकिन राज्यसभा में उसके पास बहुमत का आंकड़ा नहीं रहा है. हालांकि, 1990 के पहले तक इस सदन में कांग्रेस का बहुमत होता था. अधिकांश राज्यों में उसकी सरकारें थीं, लेकिन इसके बाद से स्थिति अब बदल गयी है.

राज्यसभा में बहुमत नहीं होने के कारण 1989 से लेकर आज तक सभी केंद्र सरकारों को उच्च सदन में महत्वपूर्ण विधेयक पारित कराने में छोटे-छोटे और अपने सहयोगी दलों को साधना पड़ा है या विपक्षी दलों के साथ मिलकर आम सहमति बनानी पड़ी है. हालांकि इस स्थिति से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी की सरकार धीरे-धीरे उबर रही है.

भाजपा कैसे करती है बहुमत का आंकड़ा पार

राज्यसभा में सदस्यों की कुल संख्या 245 है. राज्यसभा में बहुमत का आंकड़ा 123 है 101 सीटों के साथ एनडीए उच्चसदन में सबसे बड़ा संगठन है. राज्यसभा में अगर अकेले भाजपा की बात करें तो उसके पास 86 सीटे हैं, जबकि कांग्रेस पार्टी के पास महज 41 सीटें हैं. इस तरह एनडीए बीजू जनता दल, एआईएडीएमके तथा वाईएसआर कांग्रेस पार्टी का समर्थन प्राप्त कर बहुमत का आंकड़े पर पहुंच जाता है.अन्नाद्रमुक के पास राज्यसभा में 9, बीजेडी के पास 9, वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के पास 6 सदस्य हैं. इन पार्टियों का समर्थन लेकर मोदी सरकार राज्यसभा में बहुमत का आंकड़ा पार कर लेती है.

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ये है चुनाव का हिसाब किताब

बता दें कि चुनाव आयोग ने राज्यसभा की 61 सीटों पर द्विवार्षिक चुनाव कराने की घोषणा की थी, इसमें से 55 सीटों पर मार्च के महीने में चुनाव होना था. लेकिन कोरोना संकट के कारण इसमें देरी हुई. 61 सीटों में से 42 सदस्य निर्विरोध चुने जा चुके थे. इसके बाद बाकी बचे 19 सीटों पर शुक्रवार को चुनाव हुआ. जिसमें भाजपा ने आठ, कांग्रेस और वाईएसआर कांग्रेस ने चार-चार तथा तीन सीटें अन्य ने जीतीं.

मध्य प्रदेश तथा गुजरात में कांग्रेस पार्टी के कई विधायकों के दलबदल के कारण भारतीय जनता पार्टी ने कुछ और सीटें जीतीं. इस तरह कुल 61 सीटों में से भाजपा ने 17, कांग्रेस ने 9, भाजपा के सहयोगी जनता दल(यूनाइटेड) ने तीन, बीजू जनता दल तथा तृणमूल कांग्रेस ने चार-चार, अन्नाद्रमुक और द्रमुक ने तीन-तीन, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल और टीआरएस ने दो-दो तथा शेष सीटें अन्य ने जीतीं.

Posted By: Utpal kant

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