हरियाणा में सियासी संकट : खट्टर सरकार के खिलाफ आज अविश्वास प्रस्ताव लाएगी कांग्रेस, बीजेपी के व्हिप को लेकर जेजेपी में फूट

खबर यह भी है कि कांग्रेस की ओर से विधानसभा में पेश किए जाने वाले अविश्वास प्रस्ताव पर बीजेपी ने व्हिप जारी किया, तो उसके सहयोगी जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) ने ही सवाल खड़े कर दिए. अविश्वास प्रस्ताव से पहले ही जेजेपी के अध्यक्ष और प्रदेश के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला को उनके ही विधायक ने भाजपा गठबंधन से अलग होने की धमकी तक दे दी.

By Prabhat Khabar Print Desk | March 10, 2021 8:59 AM

चंडीगढ़ : उत्तराखंड में राजनीतिक घमासान के दौरान अब हरियाणा में भी सियासी संकट पैदा हो गया है. यहां की भाजपा गठबंधन सरकार पर खतरा मंडराता दिखाई दे रहा है. हरियाणा की विपक्षी पार्टी कांग्रेस आज यानी बुधवार को विधानसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएगी. इस बीच, खबर यह भी है कि कांग्रेस की ओर से विधानसभा में पेश किए जाने वाले अविश्वास प्रस्ताव पर बीजेपी ने व्हिप जारी किया, तो उसके सहयोगी जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) ने ही सवाल खड़े कर दिए. अविश्वास प्रस्ताव से पहले ही जेजेपी के अध्यक्ष और प्रदेश के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला को उनके ही विधायक ने भाजपा गठबंधन से अलग होने की धमकी तक दे दी.

जननायक जनता पार्टी के वरिष्ठ विधायक देवेंद्र बबली ने अविश्वास प्रस्ताव पर व्हिप जारी करने को लेकर सवाल उठाया है. उन्होंने तीखे तेवर दिखाते हुए अपनी ही पार्टी के नेता और उप मुख्यमंत्री गठबंधन सरकार से अलग होने की धमकी दे दी. वरिष्ठ विधायक बबली ने कहा कि व्हिप जारी करके विधायकों को जबरन सरकार के पक्ष में मत देने पर जोर दिया रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार को किसानों की बात माननी चाहिए.

विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाने का ऐलान करने वाले कांग्रेस नेता और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि हरियाणा सरकार ने जनता का विश्वास खो दिया है. अब अविश्वास प्रस्ताव पेश नहीं किया जाएगा, बल्कि सीधे मतदान होगा. वहीं, केंद्र सरकार के तीनों कृषि कानूनों के विरोध में विधानसभा के बजट सत्र के दौरान जननायक जनता पार्टी के दो विधायकों ने मंगलवार को सरकार के खिलाफ झंडा उठा लिया है.

विरोध जताने वाले विधायक रामकुमार गौतम ने तीनों कृषि कानूनों को दो-तीन साल के लिए टालने का प्रस्ताव रखा है. वहीं, बरवाला से विधायक जोगीराम सिहाग ने अपनी ही सरकार को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानून बनाने का सुझाव दिया है. उन्होंने किसानों की मांग को जायज ठहराते हुए कहा कि किसानों के समर्थन में मैं इस्तीफा तक दे सकता हूं.

गौरतलब है कि मंगलवार को विधानसभा में विपक्ष ने कृषि कानूनों को लेकर सरकार के खिलाफ जमकर हंगामा किया. वहीं, जननायक जनता पार्टी के विधायक रामकुमार गौतम ने राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान तीन कृषि कानूनों को लेकर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बहुत अच्छा काम किया है. इसके बावजूद इन तीनों कानून को लेकर किसानों को कोई दिक्कत है, तो तीन साल दो माह तक कानून को रोक देना चाहिए. इन कानूनों को वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव जीतने के बाद लागू करें.

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Posted by : Vishwat Sen

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