Patanjali Advertisement Case: पतंजलि आयुर्वेद को जारी अवमानना नोटिस पर आदेश सुप्रीम कोर्ट ने रखा सुरक्षित

Patanjali Advertisement Case: भ्रामक विज्ञापन मामले में सुप्रीम कोर्ट ने योगगुरु रामदेव, उनके सहयोगी बालकृष्ण तथा पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड को जारी अवमानना नोटिस पर आदेश सुरक्षित रख लिया है.

By Amitabh Kumar | May 14, 2024 1:01 PM

Patanjali Advertisement Case: पतंजलि के भ्रामक विज्ञापन मामले में सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई हुई. सुनवाई करते हुए कोर्ट ने योग गुरु बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को मामले में व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट कोर्ट ने दी. जहां कोर्ट ने रामदेव, बालकृष्ण और अन्य के खिलाफ अवमानना याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. वहीं आईएमए अध्यक्ष आर वी अशोकन ने सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ दिए गए बयानों के लिए उससे बिना शर्त माफी मांगी.

मामले की सुनवाई के दौरान क्या हुआ सुप्रीम कोर्ट में

  • भ्रामक विज्ञापन मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आईएमए अध्यक्ष से कहा कि आप आराम से बैठकर मीडिया को इंटरव्यू देकर, कोर्ट की निंदा करते नहीं रह सकते है.
  • सुप्रीम कोर्ट ने आईएमए के वकील से कहा कि हम इस स्तर पर आईएमए अध्यक्ष के माफीनामा को स्वीकार करने के इच्छुक नहीं हैं.
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  • आपको बता दें कि शीर्ष अदालत ने सात मई को मामले में सुनवाई करते हुए अशोकन के बयानों को ‘अत्यंत अस्वीकार्य’ करार दिया था.

रामदेव के साथ आचार्य बालकृष्ण पहुंचे कोर्ट

इससे पहले पतंजलि के भ्रामक विज्ञापन मामले में सुप्रीम कोर्ट में पेश होने के लिए बाबा रामदेव के साथ आचार्य बालकृष्ण भी पहुंचे थे जिसका वीडियो न्यूज एजेंसी एएनआई ने जारी किया.

पीठ ने संज्ञान लिया

सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने इस बात का संज्ञान लिया कि पतंजलि की ओर से पैरवी कर रहे वकील ने कंपनी के 3 उत्पादों के विज्ञापन वापस लेने के लिए उठाए जा रहे कदमों की जानकारी देने वाला हलफनामा दाखिल करने के लिए वक्त मांगा है. इन तीन उत्पादों का लाइसेंस निलंबित कर दिया गया है. पीठ ने कहा कि तीन सप्ताह के अंदर हलफनामा दायर करने का काम किया जाए.

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