सांसदों के निलंबन पर सदन में जोरदार हंगामा, कांग्रेस ने कहा- माफी का सवाल ही नहीं उठता

विपक्षी दलों के हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही 2 बजे तक के लिये स्थगित कर दी गई. सांसदों के निलंबन पर कांग्रेस नेता मल्‍लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि माफी मांगने का कोई सवाल ही नहीं उठता है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 30, 2021 12:11 PM

संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन कांग्रेस, तृणमूल समेत विपक्षी दलों के 12 सदस्यों को पिछले सत्र के उनके ‘अशोभनीय आचरण’ के लिए, चालू सत्र की शेष अवधि तक के लिए राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया. मामले को लेकर मंगलवार को सदन में हंगामा जारी है. सभापति वेंकैया नायडू ने कहा कि सदन को कार्रवाई करने का अधिकार है. निलंबन का फैसला वापस नहीं होगा.

विपक्षी दलों के हंगामे के कारण मंगलवार को लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने के करीब 10 मिनट बाद 2 बजे तक के लिये स्थगित कर दी गई. इधर राज्‍यसभा में भी हंगामा जारी है. राज्‍यसभा में कांग्रेस नेता मल्‍लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सांसदों का निलंबन नियम के खिलाफ है. सांसदों के निलंबन को वापस लिया जाना चाहिए.

आपको बता दें कि मंगलवार को कृषि कानून निरसन विधेयक पारित होने के बाद उपसभापति हरिवंश की अनुमति से संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने इस सिलसिले में एक प्रस्ताव रखा, जिसे विपक्षी दलों के विरोध के बीच सदन ने मंजूरी दे दी. बाद में जोशी ने राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू को पत्र लिख कर कहा कि इन 12 सदस्यों को ऐसी सजा मिले, जो मिसाल बने और लोगों को आइंदा ऐसा करने से रोके.

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विपक्षी सांसदों का वाकआउट

सदन के सभापति एम वेंकैया नायडू द्वारा 12 सांसदों के निलंबन को रद्द करने के प्रस्‍ताव को खारिज करने के बाद विपक्षी सांसदों ने राज्यसभा से वाकआउट किया. लोकसभा में भी यही स्‍थिति रही. कांग्रेस नेता अधिर रंजन चौधरी ने कहा कि हमने राज्यसभा के उन 12 विपक्षी सदस्यों का समर्थन करने के लिए लोकसभा से वाकआउट किया है जिन्हें निलंबित कर दिया गया है. ये लोग जबरदस्‍ती आखिर क्‍यों मंगवाना चाहते हैं.

विपक्षी दलों की बैठक

12 विपक्षी सदस्यों के निलंबन की विपक्ष ने निंदा की है. इसे तानाशाही फैसला करार देते हुए आगे की रणनीति के लिए विपक्ष ने मंगलवार को बैठक की. 12 सांसदों के निलंबन पर कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि जिस मुद्दे पर सांसदों को निलंबित किया गया है वो मुद्दा पिछले सत्र का है, शीतकालीन सत्र में इसे उठाकर निलंबन इसलिए किया गया है कि विपक्षी पार्टियों द्वारा उनकी पोल न खोल दी जाए. उन्होंने कहा कि माफी मांगने का कोई सवाल ही नहीं उठता है.

इन सांसदों का निलंबन

माकपा के इलामारम करीम, कांग्रेस के रिपुन बोरा, राजमणि पटेल, सैयद नासिर हुसैन, अखिलेश प्रताप सिंह, फूलों देवी नेताम, छाया वर्मा, तृणमूल कांग्रेस की डोला सेन व शांता छेत्री, शिवसेना की प्रियंका चतुर्वेदी व अनिल देसाई, भाकपा के विनय विस्वम.

सबसे बड़ी कार्रवाई

एक साथ 12 सदस्यों का निलंबन राज्यसभा के इतिहास में ऐसी सबसे बड़ी कार्रवाई है. इससे पहले 2020 में आठ सांसद निलंबित किये गये थे. 2010 में सात सदस्यों को निलंबित किया गया था.

Posted By : Amitabh Kumar

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