मल्लिकार्जुन खड़गे का दावा- कोरोना से 50 लाख से अधिक मौतें हुईं, केंद्र ने किया किसानों का अपमान

मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि पिछले दो सालों में कोरोना संक्रमण की वजह से 50 लाख से अधिक लोगों की मौत हो गयी. सरकार सिर्फ 4 लाख लोगों की मौत बता रही है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 1, 2021 6:29 PM

नयी दिल्ली: संसद के शीत सत्र में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के एक बयान को नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने किसानों का अपमान करार दिया. उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों की वापसी के लिए आंदोलन के दौरान 700 से ज्यादा किसानों की मौत हो गयी और सरकार के पास कोई रिकॉर्ड नहीं है. उन्होंने दावा किया कि कोरोना से 50 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हुई.

किसान संगठनों का दावा है कि तीन कृषि कानूनों की वापसी की मांग के लिए शुरू हुए आंदोलन में 700 से अधिक किसान शहीद हो गये. हालांकि, इस संबंध में अब तक किसी ने कोई आधिकारिक आंकड़ा जारी नहीं किया है. कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने संसद में एक प्रश्न के लिखित जवाब में कहा कि कृषि मंत्रालय के पास दिल्ली में आंदोलन के दौरान किसानों की मौत का कोई आधिकारिक आंकड़ा नहीं है.

कृषि मंत्री के इस बयान पर राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भड़क गये. उन्होंने इसे किसानों का अपमान करार दिया. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता श्री खड़गे ने कहा कि तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग के लिए एक साल तक आंदोलन चला. 700 से ज्यादा किसानों की मौत हो गयी. और सरकार कह रही है कि उनके पास किसानों की मौत का कोई आंकड़ा नहीं है.

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मल्लिकार्जुन खड़गे ने पूछा कि केंद्र सरकार ऐसा कैसे कह सकती है कि उसके पास कोई रिकॉर्ड नहीं है? नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जब सरकार के पास 700 किसानों की मौत का कोई रिकॉर्ड नहीं है, तो उसने वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के दौरान लाखों लोगों की मौत के आंकड़े कहां से जुटा लिये.

मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि पिछले दो सालों में कोरोना संक्रमण की वजह से 50 लाख से अधिक लोगों की मौत हो गयी. लेकिन, सरकार कह रही है कि सिर्फ 4 लाख लोगों की कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से मौत हुई है.

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किसान आंदोलन पर संसद से सड़क तक जारी है राजनीति

संसद से पारित किये गये तीन कृषि कानूनों पर संसद से सड़क तक राजनीति जारी है. एक साल से किसानों के करीब तीन दर्जन संगठन राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं. ये लोग कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग करने के लिए दिल्ली आये थे.

Posted By: Mithilesh Jha

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