‘अब देश के सभी गावों में बनाया जाएगा हेल्पलाइन सेंटर’- डिजिटल एजुकेशन पर सरकार का बड़ा फैसला

online classes in india, digital education, mhrd : देशभर में लागू लॉकडाउन की वजस से स्कूली बच्चों को पिछले 6 महीने से ऑनलाइन क्लास के जरिए ही पढ़ाया जा रहा है. वहीं इस दौरान स्कूली बच्चों को कई तरह की समस्याएं आती है. इन समसयाओं को निपटाने के लिए अब केंद्र सरकार ने बड़ा ऐलान किया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 20, 2020 7:17 AM

नयी दिल्ली : देशभर में लागू लॉकडाउन की वजस से स्कूली बच्चों को पिछले 6 महीने से ऑनलाइन क्लास के जरिए ही पढ़ाया जा रहा है. वहीं इस दौरान स्कूली बच्चों को कई तरह की समस्याएं आती है. इन समसयाओं को निपटाने के लिए अब केंद्र सरकार ने बड़ा ऐलान किया है.

समाचार एजेेंसी की रिपोर्ट के अनुसार केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने छात्रों के लिए शिक्षा संवर्धन दिशा-निर्देश जारी किये जिनमें समुदाय के सदस्यों और पंचायती राज के सदस्यों की सहायता से सामुदायिक केंद्रों में हेल्पलाइन सेवा स्थापित करने जैसे उपाय हैं. केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने यहां शिक्षा संवर्धन दिशा-निर्देश जारी किये.

इस अवसर पर निशंक ने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान वर्तमान समय में, मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले संस्थानों ने एक साथ मिलकर काम किया है और डिजिटल माध्यमों का उपयोग करके बच्चों को घर पर ही स्कूली शिक्षा प्रदान करने का प्रयास किया है.

उन्होंने बताया कि इन दिशा-निर्देशों में समुदाय के सदस्यों और पंचायती राज के सदस्यों की सहायता से सामुदायिक केंद्रों में हेल्पलाइन सेवा स्थापित करने की भी बात कही गई है. इसमें माता-पिता को भी प्रणाली से अवगत कराने की सलाह दी गई है जिससे कि वे अपने बच्चों को सीखने में सहायता प्रदान कर सकें और उसमें शामिल हो सकें.

शिक्षा मंत्रालय के निर्देश पर एनसीईआरटी द्वारा छात्रों के लिए महामारी की वर्तमान स्थिति और महामारी के बाद की स्थिति के लिए भी शिक्षा संवर्धन दिशा-निर्देश तैयार किए गए हैं. मंत्री ने बताया कि इन दिशा-निर्देशों, मॉडलों का सुझाव निम्नलिखित तीन प्रकार की स्थितियों के लिए दिया गया है.

पहला, जिसमें छात्रों के पास कोई डिजिटल संसाधन उपलब्ध नहीं है. दूसरा, जिसमें छात्रों के पास सीमित डिजिटल संसाधन उपलब्ध हैं. तीसरा, जिसमें छात्रों के पास ऑनलाइन शिक्षा प्राप्त करने के लिए डिजिटल संसाधन उपलब्ध हैं. मंत्री ने कहा कि इन दिशा-निर्देशों में, स्कूल के साथ मिलकर काम करने वाले समुदाय पर बल दिया गया है जिससे कि शिक्षकों और स्वयंसेवकों द्वारा बच्चों को उनके घर पर कार्यपुस्तिकाओं, कार्यपत्रों आदि जैसी शिक्षण सामग्री प्रदान की जा सके. इसमें स्वयंसेवकों या शिक्षकों द्वारा स्थानीय छात्रों को पढ़ाने, सामुदायिक केंद्रों में टेलीविजन स्थापित करने और सामाजिक दूरी के मानदंडों का पालन करने का भी सुझाव दिया गया हैक्लास

Also Read: लगातार ऑनलाइन क्लास से बच्चों में बढ़ रहा चिड़चिड़ापन

Posted By : Avinish Kumar Mishra

Next Article

Exit mobile version