उत्तराखंड त्रासदी पर उमा भारती बोलीं- ”जब मंत्री थी, तो गंगा और सहायक नदियों पर पावर प्रोजेक्ट नहीं बनने का किया था आग्रह”

Uttarakhand tragedy, Uma Bharti, Power project : भोपाल : उत्तराखंड के चमोली जिले की ऋषिगंगा घाटी में ग्लेशियर टूटने से अलकनंदा और सहायक नदियों में बाढ़ आने के कारण भारी तबाही मचने के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री सह भाजपा नेत्री उमा भारती ने ट्वीट कर चिंता जतायी है. उन्होंने कहा है कि घटना चिंता और चेतावनी दोनों का विषय है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 8, 2021 8:42 AM

भोपाल : उत्तराखंड के चमोली जिले की ऋषिगंगा घाटी में ग्लेशियर टूटने से अलकनंदा और सहायक नदियों में बाढ़ आने के कारण भारी तबाही मचने के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री सह भाजपा नेत्री उमा भारती ने ट्वीट कर चिंता जतायी है. उन्होंने कहा है कि घटना चिंता और चेतावनी दोनों का विषय है.

उमा भारती ने ट्वीट कर कहा कि ”जोशीमठ से 24 किलोमीटर पैंग गांव जिला चमोली उत्तराखंड के ऊपर का ग्लेशियर फिसलने से ऋषि गंगा पर बना हुआ पावर प्रोजेक्ट जोर से टूटा और एक तबाही लेकर आगे बढ़ रहा है. मै गंगा मैया से प्रार्थना करती हूं की मां सबकी रक्षा करे तथा प्राणिमात्र की रक्षा करे.”

उन्होंने कहा है कि ”कल मैं उत्तरकाशी में थी. आज हरिद्वार पहुंची हूं. हरिद्वार में भी अलर्ट जारी हो गया है, यानी कि तबाही हरिद्वार आ सकती है. यह हादसा, जो हिमालय में ऋषि गंगा पर हुआ, यह चिंता एवं चेतावनी दोनों का विषय है.

उमा भारती ने कहा है कि ”इस संबंध में मैंने जब मै मंत्री थी, तब अपने मंत्रालय के तरफ से हिमालय उत्तराखंड के बांधों के बारे में जो एफिडेविट दिया था, उसमें यही आग्रह किया था कि हिमालय एक बहुत संवेदनशील स्थान है. इसलिए गंगा एवं उसकी मुख्य सहायक नदियों पर पावर प्रोजेक्ट नहीं बनने चाहिए तथा इससे उत्तराखंड की जो 12 फीसदी की क्षति होती है, वह नेशनल ग्रीड से पूरी कर देनी चाहिए.”

भाजपा नेत्री ने कहा है कि ”मैं इस दुर्घटना से बहुत दुःखी हूं. उत्तराखंड देवभूमि है. वहां के लोग बहुत कठिनाई जा जीवन जी कर तिब्बत से लगी सीमाओं की रक्षा के लिए सजग रहते है. मैं उन सबके रक्षा के लिए भगवान से प्रार्थना करती हूं.”

उमा भारती ने उत्तराखंड में रहनेवालों से अपील करते हुए कहा है कि ”जिला चमोली, रुद्रप्रयाग, पौड़ी सभी जिलों में रहनेवाले अपने आत्मीय जनों से अपील करती हूं कि इस आपदा से प्रभावित लोगों के रक्षा व सेवा कार्यों में लग जाइये.”

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