NCB: डार्कनेट और क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े खतरों से निपटने के लिए विशेषज्ञों की अलग सेल बनेंगे  

राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) प्रमुखों के राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के महानिदेशक अनुराग गर्ग ने कहा कि केवल जब्ती कार्रवाई से आगे बढ़कर तस्करी के पूरे नेटवर्क को तोड़ना होगा. उन्होंने राज्यों से आग्रह किया कि हर एएनटीएफ कम से कम दस मामलों की गहन निगरानी करे और जटिल मामलों को केंद्रीय एजेंसियों जैसे एनसीबी, एनआईए और प्रवर्तन निदेशालय को संदर्भित करे.

By Anjani Kumar Singh | September 18, 2025 7:03 PM

NCB: देश को नशा मुक्त बनाने के संकल्प के साथ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) प्रमुखों के राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान नशा मुक्त भारत@2047 के विजन पर विस्तार से चर्चा करते हुए एएनटीएफ की वर्तमान स्थिति, आगे की कार्य योजना और एनकॉर्ड तंत्र के प्रभावी उपयोग पर विचार-विमर्श हुआ. इसमें अवैध खेती वाले क्षेत्रों से लेकर शहरी बस्तियों तक हॉटस्पॉट मैपिंग की आवश्यकता पर बल दिया गया, ताकि लक्षित कार्रवाई की जा सके. साथ ही सड़क-स्तरीय नशीले पदार्थों की घटनाओं को अंतरराष्ट्रीय तस्करी गिरोहों से जोड़ने और समुद्री व तटीय मार्गों पर विशेष निगरानी रखने पर भी जोर दिया गया. 

यह सम्मेलन “साझा जिम्मेदारी, एकजुट संकल्प” थीम पर आयोजित किया गया था. आयोजन में सभी 36 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के एएनटीएफ प्रमुखों के साथ विभिन्न सरकारी विभागों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया. सम्मेलन के दौरान अंतरराष्ट्रीय और अंतर-एजेंसी सहयोग को मजबूत बनाने पर चर्चा हुई. इसमें इंटरपोल और विदेशी एजेंसियों से सहयोग, भगोड़े अपराधियों का प्रत्यर्पण, तथा नारकोटिक मामलों के कानूनी व परिचालन ढांचे पर विमर्श किया गया. इसके अलावा वित्तीय नेटवर्क की जांच, डिजिटल डेटाबेस व फॉरेंसिक के प्रयोग और दवाओं के दुरुपयोग को रोकने जैसे विषयों पर भी मंथन हुआ. विभिन्न राज्यों द्वारा अपनाए गए बेहतरीन और नवोन्मेषी प्रयासों की भी प्रस्तुति दी गई.

स्करी के पूरे नेटवर्क को होगा तोड़ना 

नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के महानिदेशक अनुराग गर्ग ने कहा कि केवल जब्ती कार्रवाई से आगे बढ़कर तस्करी के पूरे नेटवर्क को तोड़ना होगा. उन्होंने राज्यों से आग्रह किया कि हर एएनटीएफ कम से कम दस मामलों की गहन निगरानी करे और जटिल मामलों को केंद्रीय एजेंसियों जैसे एनसीबी, एनआईए और प्रवर्तन निदेशालय को संदर्भित करे. गर्ग ने डार्कनेट और क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े खतरों से निपटने के लिए विशेषज्ञों की अलग सेल बनाने की आवश्यकता पर भी बल दिया. 

उन्होंने कहा कि नशे की समस्या से निपटना सिर्फ कानून-व्यवस्था का मामला नहीं बल्कि समाज को बचाने का मिशन है. उन्होंने सभी एजेंसियों से मिलकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2047 तक “नशामुक्त भारत” के लक्ष्य को साकार करने का आह्वान किया.