Navjot Singh Sidhu ने सरेंडर के लिए SC से मांगा और समय, चीफ जस्टिस ने अर्जी सुनने से किया इनकार

Navjot Singh Sidhu ने रोड रेज केस में सरेंडर के लिए सुप्रीम कोर्ट से और समय मांगा है. पर सिद्धू की सरेंडर से राहत की अर्जी को सुनने से चीफ जस्टिस ने इनकार कर दिया है. बता दें, 1988 के रोड रेज मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू को एक साल जेल की सजा सुनाई है.

By Prabhat Khabar Print Desk | May 20, 2022 12:12 PM

Navjot Singh Sidhu Road Rage Case: रोड रेज मामले में नवजोत सिंह सिद्धू के पटियाला में सरेंडर करने के मामले में नया मोड़ आ गया है. Navjot Singh Sidhu ने रोड रेज केस में सरेंडर के लिए सुप्रीम कोर्ट से और समय की मांग की थी, लेकिन सिद्धू की सरेंडर से राहत की अर्जी को सुनने से चीफ जस्टिस ने इनकार कर दिया है. पूर्व पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष सिद्धू ने खराब स्वास्थ्य का हवाला देकर राहत की मांग कर रहे थे. इससे पहले नवजोत सिंह सिद्धू के आज टियाला की एक स्थानीय अदालत में सरेंडर करने वाले थे. बता दें, क्रिकेटर से नेता बने नवजोत सिंह सिद्धू को रोड रेज के 34 साल पुराने एक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को एक साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई थी.

कानून का सम्मान करूंगा- सिद्धू: सुप्रीम कोर्ट से एक साल की सश्रम सजा मिलने के बाद कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि, में सजा सुनाने के बाद सिद्धू ने एक ट्वीट कर कहा कि, वो कानून का सम्मान करेंगे. वहीं, पटियाला जिला कांग्रेस शहरी प्रधान नरेंद्र पाल लाली ने भी एक संदेश जारी कर कहा है कि सिद्धू आज जिला अदालत में पेश होकर खुद को सरेंडर करेंगे.

पहले सिद्धू पर लगा था जुर्माना: बता दें, करीब 34 साल पहले सड़क पर एक शख्स से हुई हाथापाई की इस घटना में 65 वर्षीय गुरनाम सिंह की मौत हो गई थी. उस समय सिद्धू की उम्र तकरीबन 25 साल थी. इस मामले में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने सिद्धू को दोषी ठहराया था और उन्हें तीन साल की जेल की सजा सुनाई थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने 15 मई, 2018 को इसे 30 साल से अधिक पुरानी घटना बताते हुए उन्हें 1000 रुपये के जुर्माने पर छोड़ दिया था.

पीड़ित परिवार ने सुप्रीम कोर्ट में की दोबारा अपील: गौरतलब है कि, नवजोत सिंह सिद्धू को पहले इस मामले में राहत मिल गई थी. लेकिन रोड रेज के दौरान जिस शख्स की मौत हुई थी, उसके परिवार वालों ने रिव्यू पिटीशन दायर कर दिया था. अब उसपर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू को एक साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है.

क्या है पूरा मामला: 27 दिसंबर, 1988 को सिद्धू और उनके दोस्त रुपिंदर सिंह संधू की पटियाला में कार पार्किंग को लेकर गुरनाम सिंह नामक बुजुर्ग के साथ झगड़ा हो गया. झगड़े में गुरनाम की मौत हो गयी. सिद्धू और उनके दोस्त रुपिंदर पर गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज किया गया.

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