‘भारत अगर चीन-अमेरिका जैसा बनना चाहे तो नहीं होगा विकास,’ बोले मोहन भागवत, जानें पूरा मामला

जी20 में भारत की अध्यक्षता पर प्रतिक्रिया देते हुए भागवत ने पहले कहा था कि दुनिया को अब भारत की जरूरत है. भागवत ने कहा था कि भारत अब वैश्विक चर्चाओं का हिस्सा है और उसे दुनिया का नेतृत्व करने का भरोसा भी है. आरएसएस प्रमुख ने यह भी कहा कि केवल भारत ही दुनिया को वैश्विक समृद्धि का रास्ता दिखा सकता है

By Aditya kumar | December 18, 2022 9:53 PM

RSS Chief Mohan Bhagwat: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने आज कहा कि अगर भारत चीन या अमेरिका जैसा बनने की कोशिश करता है तो भारत का खुद का विकास नहीं होगा. उन्होंने कहा कि भारत का विकास उसकी दृष्टि, परिस्थितियों, लोगों की आकांक्षाओं, परंपरा, संस्कृति और दुनिया और जीवन के बारे में विचारों के आधार पर होगा. बता दें कि आरएसएस प्रमुख मुंबई में एक कार्यक्रम के दौरान बोल रहे थे. भागवत ने यह भी कहा कि यदि धर्म मनुष्य को समृद्ध और सुखी बनाता है, लेकिन प्रकृति को नष्ट करता है, तो उसे धर्म नहीं कहा जा सकता.

‘दुनिया को अब भारत की है जरूरत’

जानकारी हो कि जी20 में भारत की अध्यक्षता पर प्रतिक्रिया देते हुए भागवत ने पहले कहा था कि दुनिया को अब भारत की जरूरत है. भागवत ने कहा था कि भारत अब वैश्विक चर्चाओं का हिस्सा है और उसे दुनिया का नेतृत्व करने का भरोसा भी है. आरएसएस प्रमुख ने यह भी कहा कि केवल भारत ही दुनिया को वैश्विक समृद्धि का रास्ता दिखा सकता है, क्योंकि भारत हमेशा एक विश्व-एक परिवार के सिद्धांत में विश्वास करता है. उन्होंने कहा था कि हिंदू धर्म पूजा के किसी एक तरीके का उल्लेख नहीं करता है. उन्होंने कहा कि हिन्दू वह प्रत्येक व्यक्ति है जो परंपरागत रूप से भारत का निवासी है और इसके लिए जवाबदेह (उत्तरदायी) है.

उज्जैन में एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में शामिल होंगे आरएसएस प्रमुख

जानकारी हो कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत 28 दिसंबर को उज्जैन में एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में पानी की पवित्रता पर एक भारतीय विमर्श बनाने और इसे वैज्ञानिक सोच के साथ जोड़ने पर पूरा व्याख्यान देंगे. जल शक्ति मंत्रालय और दीनदयाल अनुसंधान संस्थान (DRI) द्वारा आयोजित “सुजलाम” नामक सम्मेलन 27 से 29 दिसंबर तक शिप्रा नदी के तट पर आयोजित किया जाएगा.

जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत सम्मेलन का करेंगे उद्घाटन

जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत 27 दिसंबर को उज्जैन में सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे, भागवत 28 दिसंबर को पूर्ण व्याख्यान देंगे और मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगूभाई पटेल और नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया 29 दिसंबर को समापन समारोह में शामिल होंगे.