Manipur Violence: जांच समिति ने राहत शिविरों का किया दौरा, दोनों समुदाय के लोगों से की बात

मणिपुर में हिंसा की घटनाओं की जांच कर रही तीन सदस्यीय न्यायिक जांच समिति के सदस्यों ने शनिवार को दो राहत शिविरों का दौरा किया और दोनों समुदायों के निवासियों से बातचीत की, जातीय हिंसा में आने वाली कठिनाइयों के बारे में सुना और उन्हें आश्वासन दिया कि उनकी सभी शिकायतों को सुना जाएगा.

By ArbindKumar Mishra | June 10, 2023 10:54 PM

मणिपुर में फिलहाल स्थिति सामान्य है. हालांकि शुक्रवार को उग्रवादियों ने तीन लोगों की हत्या कर दी थी. लेकिन उसके बाद से हिंसा की अबतक कोई खबर नहीं आयी है. इधर हिंसा की जांच कर रही तीन सदस्यीय टीम ने राहत शिविरों का दौरा किया और दोनों समुदाय के लोगों से बात भी की है.

जांच टीम ने दोनों समुदायों के लोगों से की बात

राज्य सरकार ने जानकारी देते हुए कहा, मणिपुर में हिंसा की घटनाओं की जांच कर रही तीन सदस्यीय न्यायिक जांच समिति के सदस्यों ने शनिवार को दो राहत शिविरों का दौरा किया और दोनों समुदायों के निवासियों से बातचीत की, जातीय हिंसा में आने वाली कठिनाइयों के बारे में सुना और उन्हें आश्वासन दिया कि उनकी सभी शिकायतों को सुना जाएगा.

बीरेन सिंह से मुलाकात के बाद हिमंत विश्व शर्मा ने कहा-शाह को मणिपुर की स्थिति से अवगत कराएंगे

असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने शनिवार को मणिपुर के अपने समकक्ष एन बीरेन सिंह से मुलाकात की और कहा कि वह राज्य की मौजूदा स्थिति से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को अवगत कराएंगे. मणिपुर की स्थिति पर चर्चा करने के लिए शर्मा सुबह गुवाहाटी से रवाना हुए. पूर्वोत्तर के इस राज्य में जातीय संघर्ष शुरू होने के एक महीने बाद भी छिटपुट हिंसा जारी है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने स्थिति का जायजा लेने के लिए 29 मई से एक जून तक मणिपुर का दौरा किया था.

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मणिपुर में शांति बहाली के लिए सरकार ने बनाई समिति

केंद्र सरकार ने जातीय हिंसा से प्रभावित मणिपुर में शांति बहाली की कवायद में मदद करने और विभिन्न समुदायों के बीच बातचीत शुरू कराने के लिए राज्यपाल की अध्यक्षता में एक शांति समिति का गठन किया. शांति समिति को राज्य के विभिन्न जातीय समूहों के बीच शांति स्थापना की प्रक्रिया में मदद करने और विरोधी गुटों व समूहों के बीच शांतिपूर्ण बातचीत शुरू कराने का काम सौंपा गया है. शांति समिति में पूर्व नौकरशाह, शिक्षाविद, साहित्यकार, कलाकार, सामाजिक कार्यकर्ता और विभिन्न जातीय समूहों के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे.

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