Kidney Infection : किडनी में संक्रमण से 22 दिन में 7 बच्चों की मौत, मध्यप्रदेश के इस इलाके में मचा हड़कंप
Kidney Infection : मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा में किडनी में संक्रमण से बच्चे की मौत हो गई. सबसे डराने वाली बात यह है कि 22 दिनों में ऐसा सातवां मामला देखने को मिला. इससे जिले के लोगों की चिंता बढ़ गई है. सरकारी डॉक्टरों को खास निर्देश दिए गए हैं.
Kidney Infection : मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में चार साल के एक बच्चे की किडनी में कथित संक्रमण के कारण नागपुर, महाराष्ट्र के एक अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई. अधिकारियों के अनुसार, पिछले 22 दिनों में इसी तरह के किडनी संक्रमण के कारण छिंदवाड़ा के सात बच्चों की जान जा चुकी है. इन मामलों की बढ़ती संख्या ने जिले के अधिकारियों को चिंता में डाल दिया है. स्थानीय स्वास्थ्य विभाग ने मामले की जांच शुरू कर दी है और प्रभावित बच्चों के इलाज में सतर्कता बढ़ा दी गई है.
अधिकारियों के अनुसार, छिंदवाड़ा जिले के दिघवानी गांव के चार वर्षीय विकास यदुवंशी की शनिवार को नागपुर के अस्पताल में किडनी संक्रमण के कारण मौत हो गई और अगले दिन उसका अंतिम संस्कार पैतृक स्थल पर किया गया. जिला मुख्यालय से लगभग 55 किलोमीटर दूर तामिया और कोइलांचल क्षेत्रों में इस तरह के किडनी संक्रमण के मामले अधिक दर्ज किए गए हैं. इन इलाकों के निजी अस्पतालों में अभी भी कुछ बच्चों का इलाज जारी है.
सरकारी डॉक्टरों को दिए गए निर्देश
छिंदवाड़ा के जिलाधिकारी शैलेंद्र सिंह ने कहा कि सरकारी डॉक्टरों को निर्देश दिए गए हैं कि वे संक्रमण के लक्षण दिखने वाले बच्चों को हरसंभव चिकित्सा देखभाल प्रदान करें और पूरी तरह से एक्टिव रहें. उन्होंने कहा, ‘‘जिन मरीजों को तत्काल बेहतर उपचार की आवश्यकता है, उन्हें एम्स नागपुर (क्षेत्र से लगभग 150 किलोमीटर दूर) में रेफर किया जाना चाहिए. जरूरत पड़ने पर लोगों की जान बचाने के लिए मध्यप्रदेश सरकार की ‘पीएम श्री एयर एम्बुलेंस सेवा’ की व्यवस्था की जाएगी.’’
एक से सात साल की उम्र के सात बच्चों की संक्रमण के कारण मौत
सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री मोहन यादव ने उनसे फोन पर बात की और उनसे मरीजों को शीघ्र और सर्वोत्तम उपचार सुनिश्चित करने के लिए कहा. जिला अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. दीपक पटेल ने बताया कि अब तक एक से सात साल की उम्र के सात बच्चों की संक्रमण के कारण मौत हो चुकी है. उन्होंने कहा कि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की एक टीम ने हाल में प्रभावित क्षेत्रों का सर्वेक्षण किया और परीक्षण के लिए नमूने एकत्र किए हैं. उन्होंने कहा, ‘‘भोपाल से स्वास्थ्य विभाग की एक टीम ने भी घरों से पानी के नमूने एकत्र किए. इन्हें पुणे की प्रयोगशाला में भेजा गया है. रिपोर्ट आने के बाद मौतों के सही कारण का पता चल पाएगा.’’ कार्यवाहक मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) नरेश गुन्नाडे ने कहा कि संक्रमण का पहला संदिग्ध मामला 24 अगस्त को सामने आया था और उसके बाद पहली मौत सात सितंबर को हुई थी.
शुरुआती लक्षणों के बारे में जानें
अधिकारियों के अनुसार, इस बीमारी के शुरुआती लक्षणों में तेज बुखार और पेशाब करने में कठिनाई आना शामिल है. वर्तमान में छिंदवाड़ा जिले में तीन और नागपुर में चार बच्चों का इलाज हो रहा है और उनकी हालत खतरे से बाहर है.
