Karnataka Political Crises: कांग्रेस का टला खतरा! एक साथ आए DK औऱ सिद्दरमैया, X पर किया पोस्ट

Karnataka Political Crises: कर्नाटक कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद को लेकर विवाद थमते नजर आ रहा है. डी.के. शिवकुमार ने सिद्दरमैया के साथ ब्रेकफास्ट में की महत्वपूर्ण चर्चा की है. दोनों ही नेताओं ने मीडिया के सामने आकर सभी मतभेदों को खत्म करने का दावा किया है.

By Ayush Raj Dwivedi | November 29, 2025 11:57 AM

Karnataka Political Crises: कर्नाटक कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद को लेकर जारी विवाद अब थमते नजर आ रहा है. डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने मुख्यमंत्री सिद्दरमैया से उनके निवास पर मुलाकात की है. सिद्दरमैया और डीके शिवकुमार ने एक साथ ब्रेकफास्ट भी किया. डीके शिवकुमार ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट करके जानकारी साझा की.

DK शिवकुमार ने X पर किया पोस्ट

कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने ट्वीट करते हुए लिखा, “आज सुबह ब्रेकफ़ास्ट के लिए कावेरी रेसिडेंस पर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से मुलाकात हुई. कर्नाटक की प्राथमिकताओं और आगे के रास्ते पर एक अच्छी चर्चा हुई. माना जा रहा है कि दोनों के मुलाकात के पीछे कांग्रेस के टॉप लिडरशिप का बड़ा हाथ है. डीके शिवकुमार जल्द ही दिल्ली जाकर पार्टी के सीनियर नेताओं के साथ मिल भी सकते हैं.

BJP ने बोला हमला

कर्नाटक विधानसभा में नेता विपक्ष (LoP) और बीजेपी विधायक आर अशोका ने कहा- कर्नाटक राजनीति में यह एक बहुत ही, बहुत ही अहम चरण है. सिद्धारमैया और डी.के. शिवकुमार के बीच की लड़ाई अब सड़क-स्तरीय संघर्ष में बदल गई है. कांग्रेस हाई कमांड कमजोर है. डी.के. शिवकुमार द्वारा मांगी गई आधे कार्यकाल की पावर-शेयरिंग को लागू किया जाना चाहिए, लेकिन सिद्धारमैया पद नहीं छोड़ रहे हैं. पिछले एक साल से कोई विकास नहीं हुआ, मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के बीच कोई समन्वय नहीं है, कोई मंत्री काम नहीं कर रहा, सभी घर पर बैठे हैं और विधानसभा भवन तक नहीं आ रहे. पूरे राज्य में यह भ्रम है कि वास्तव में मुख्यमंत्री कौन हैं.

Congress नेता संदीप दीक्षित ने दिया जवाब

कर्नाटक मुख्यमंत्री विवाद पर कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने कहा- डी.के. शिवकुमार और अन्य लोगों ने बार-बार कहा है कि कैबिनेट का पुनर्गठन हो रहा है और नए मंत्रियों का चयन किया जा रहा है, इसलिए चीज़ों के स्थिर होने में समय लगता है. पार्टी के सदस्यों के बीच विचारों में मतभेद होते रहते हैं, लेकिन इसके बारे में चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है. बीजेपी इस मामले में मौका तलाश रही है, लेकिन इससे उसे कुछ भी हासिल नहीं होगा.