जयशंकर ने निशिकांत दुबे को लिखी चिट्टी में भारतीय नागरिकों के अधिकारों पर USCIRF को लगायी लताड़, जानिए क्या कहा?

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि सरकार ने धार्मिक स्वतंत्रता से जुड़े विषयों के नाम पर भारत यात्रा करना चाह रही USCIRF की टीमों को वीजा नहीं दिया, क्योंकि उसके जैसी विदेशी संस्था को भारतीय नागरिकों के संवैधानिक रूप से संरक्षित अधिकारों पर बोलने का कोई हक नहीं है. जयशंकर ने भाजपा सांसद निशिकांत दुबे को लिखे एक पत्र में USCIRF को जमकर लताड़ लगायी है. उन्होंने अमेरिका के अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग (USCIRF) द्वारा नागरिकता संशोधन विधेयक (CAA) पारित होने पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ प्रतिबंधों की मांग उठाने के मुद्दे को उठाया था.

By Prabhat Khabar Print Desk | June 10, 2020 9:06 PM

नयी दिल्ली : विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि सरकार ने धार्मिक स्वतंत्रता से जुड़े विषयों के नाम पर भारत यात्रा करना चाह रही USCIRF की टीमों को वीजा नहीं दिया, क्योंकि उसके जैसी विदेशी संस्था को भारतीय नागरिकों के संवैधानिक रूप से संरक्षित अधिकारों पर बोलने का कोई हक नहीं है. जयशंकर ने भाजपा सांसद निशिकांत दुबे को लिखे एक पत्र में USCIRF को जमकर लताड़ लगायी है. उन्होंने अमेरिका के अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग (USCIRF) द्वारा नागरिकता संशोधन विधेयक (CAA) पारित होने पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ प्रतिबंधों की मांग उठाने के मुद्दे को उठाया था.

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विदेश मंत्री ने कहा कि यूएससीआईआरएफ भारत में धार्मिक आजादी की स्थिति के संबंध में पूर्वाग्रहयुक्त, गलत और भ्रामक टिप्पणियां करने के लिए जाना जाता है. उन्होंने कहा कि हम इस तरह की बातों का संज्ञान नहीं लेते और भारत के संबंध में गलत तरह से सूचनाएं पेश करने की कोशिशों का खंडन कर चुके हैं.

जयशंकर ने कहा कि विदेश मंत्रालय ने आयोग के बयानों को गलत और अनुचित बताकर खारिज कर दिया है. उन्होंने लिखा कि हमने यूएससीआईआरएफ की टीमों को वीजा देने से भी मना कर दिया है, जो धार्मिक आजादी से जुड़े मुद्दों के सिलसिले में भारत आना चाहती थीं. हमें यूएससीआईआरएफ जैसी विदेशी संस्था का भारतीय नागरिकों के संवैधानिक रूप से संरक्षित अधिकारों पर बोलने का कोई अधिकार क्षेत्र नहीं नजर आता.

जयशंकर ने भाजपा सांसद को यह आश्वासन भी दिया कि भारत अपनी संप्रभुता और अपने नागरिकों के मौलिक अधिकारों पर किसी तरह का बाहरी हस्तक्षेप या बयानबाजी स्वीकार नहीं करेगा. यूएससीआईआरएफ ने पिछले साल कहा था कि नागरिकता (संशोधन) विधेयक, 2019 गलत दिशा में एक खतरनाक मोड़ साबित होगा. उसने भारतीय संसद के दोनों सदनों में विधेयक पारित होने पर शाह के खिलाफ अमेरिकी पाबंदियों की मांग की थी.

गौरतलब है कि अमेरिका अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग (यूएससीआईआरएफ) ने पिछले साल के नवंबर महीने में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) प्रक्रिया पर चिंता जाहिर करते हुए कहा था कि असम में लंबे समय से रह रहे करीब 20 लाख लोग जल्द ही कहीं के भी नागरिक नहीं रहेंगे. साथ ही, उसने यह आरोप भी लगाया था कि उनकी नागरिकता ‘‘निष्पक्ष, पारदर्शी और सुशासित प्रक्रिया के बिना’ समाप्त की जा रही है. इसके साथ ही, उसने भारत सरकार की ओर संसद में पेश किये गये नागरिकता (संशोधन) विधेयक, 2019 के खिलाफ बयानबाजी की है.

Posted By : Vishwat Sen

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