Jagannath Rath Yatra: 2500 साल में पहली बार बिना भक्तों के जगन्ननाथ पुरी रथयात्रा, कई शहरों में टूटी वर्षों पुरानी परंपरा

Jagannath Puri Rath Yatra 2020 Today, Rath Yatra 2020: हर वर्ष की तरह इस बार भी ओडिशा के पुरी में जगत के नाथ भगवान जगन्नाथ की विश्व विख्यात रथयात्रा निकाली गयी लेकिन कड़ी शर्तो के साथ. 2500 साल से ज्यादा पुराने रथयात्रा के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ जब भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा निकली, लेकिन भक्त घरों में 'कैद' रहे.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 23, 2020 11:41 AM

Jagannath Puri Rath Yatra 2020 Today, Rath Yatra 2020: हर वर्ष की तरह इस बार भी ओडिशा के पुरी में जगत के नाथ भगवान जगन्नाथ की विश्व विख्यात रथयात्रा निकाली गयी लेकिन कड़ी शर्तो के साथ. 2500 साल से ज्यादा पुराने रथयात्रा के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ जब भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा निकली, लेकिन भक्त घरों में ‘कैद’ रहे. कोरोना महामारी के चलते पुरी शहर को टोटल शटडाउन कर दिया गया है.

इसके अलावा अगर देखें तो देश के विभिन्न शहरों में स्थित विख्यात मंदिरों में रथयात्रा की वर्षों पुरानी परंपरा टूट गयी. काशी में रथयात्रा निकली नहीं जबकि अहमदाबाद में मंदिर परिसर में ही रथयात्रा निकाली गयी वो भी सीमित भक्तों के साथ. ये सब हुआ है कोरोना महामारी संकट के कारण. पुरी रथयात्रा पर पहले सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी लेकिन सोमवार को देश के शीर्ष अदालत ने अनुमति दे दी लेकिन नियमों के साथ.


किन शर्तों पर मिली अनुमति

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक 500 से अधिक लोगों को रथ खींचने की अनुमति नहीं दी जाएगी. रथ यात्रा दौरान पारंपरिक अनुष्ठान में भी सिर्फ जरूरी लोगों को इजाजत होगी. इनमें मंदिर कमेटी वाले पंडे, अधिकारी और पुलिसकर्मी शामिल हैं. रथ यात्रा में वही शामिल होगा, जिसकी कोरोना रिपोर्ट निगेटिव होगी.इसके साथ ही तीनों रथ को खींचने के लिए प्रति रथ 500 से ज्यादा लोग नहीं होने चाहिए. रथ के बीच पर्याप्त दूरी रखी जाए.

328 साल से चली आ रही परंपरा झारखंड में टूटी

झारखंड में सवा 3 सौ साल से चली आ रही परंपरा 2020 में टूट गयी. कोरोना के कहर के चलते यहां की रथयात्रा को स्थगित कर दिया गया. इसके अलावा काशी(वाराणसी) , छत्तीसगढ़ के टूरी हटरी स्थित जगन्नाथ मंदिर, पटना जगन्नाथ मंदिर, अहमदाबाद सहित कई शहरों में जगन्ननाथ की रथयात्रा का आयोजन इस वर्ष न हो पाने के कारण वर्षों से चली आ रही परंपरा टूट गई. पश्चिम बंगाल में पहली बार रथयात्रा के मौके पर सार्वजनिक छुट्टी का ऐलान किया गया है. कोलकाता में पहली बार भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा ट्रक पर निकाली जा रही है. इसके अलावा देश के कई शहरों में स्थित इस्कॉन मंदिर परिसर में ही छोटे पैमाने पर रथयात्रा का आयोजन किया जा रहा है.


अहमदाबाद में रथयात्रा मंदि‍र परिसर के अंदर ही न‍िकाली गई

कोरोना वायरस संक्रमण के मद्देनजर गुजरात के अहमदाबाद में श्री जगन्‍नाथ मंदिर परिसर के अंदर ही रथयात्रा निकाली गई. दरअसल, हाईकोर्ट में रथयात्रा की अनुमति के लिए सोमवार को देर रात तक सुनवाई चली, लेकिन कोर्ट ने इसकी इजाजत इसलिए नहीं दी कि मंदिर प्रबंधन ने स्‍वयं ही कहा कि वह रथयात्रा को मंदिर परिसर में ही निकालेंगे. इसके बाद मंदिर के ट्रस्‍टी और महंत ने मंदिर परिसर के अंदर ही रथयात्रा को निकालने का फैसला किया है.

गुजरात के मुख्‍यमंत्री विजय रूपाणी मंगलवार को सुबह रथयात्रा के सिलसिले में श्री जगन्‍नाथ मंदिर पहुंचे और यहां पूजा में भाग लिया. उन्‍होंने कहा हाईकोर्ट में कल देर रात तक सुनवाई चली लेकिन कोविड-19 के चलते हमें रथयात्रा के लिए अनुमति नहीं मिली. मैं मंदिर के ट्रस्‍टी और महंत को स्थिति को समझने के लिए धन्‍यवाद देता हूं और मंदिर परिसर में रथयात्रा की व्‍यवस्‍था करने के लिए.

Posted By: Utpal kant

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