IT: देश में पिछले 11 साल में इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन में हुई है रिकॉर्ड वृद्धि
केंद्र सरकार ने सेमीकंडक्टर सहित संपूर्ण मूल्य श्रृंखला में इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण को बढ़ाने के लिए एक योजनाबद्ध और व्यवस्थित विजन को अपनाने का काम किया है. बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए उत्पादन से जुड़ी योजना (पीएलआई) शुरू की. इस योजना के तहत 14065 करोड़ रुपये का निवेश को बढ़ाने पर जोर दिया गया.
IT: इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर क्षेत्र में खुद को सशक्त बनाने के लिए केंद्र सरकार लगातार कदम उठा रही है. यह क्षेत्र देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए अहम है. मौजूदा समय में इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर क्षेत्र का महत्व काफी बढ़ गया है. अर्थव्यवस्था के हर क्षेत्र के सुचारू कामकाज के लिए यह काफी महत्वपूर्ण हो गया है. इस क्षेत्र का प्रभाव लोगों के जीवन पर सबसे अधिक पड़ रहा है. ऐसे में केंद्र सरकार की इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर नीति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया के विजन को आगे बढ़ाने पर आधारित है.
सरकार ने सेमीकंडक्टर सहित संपूर्ण मूल्य श्रृंखला में इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण को बढ़ाने के लिए एक योजनाबद्ध और व्यवस्थित विजन को अपनाने का काम किया है. बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए उत्पादन से जुड़ी योजना (पीएलआई) शुरू की. इस योजना के तहत 14065 करोड़ रुपये का निवेश को बढ़ाने पर जोर दिया गया. आईटी हार्डवेयर के निर्माण को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने लैपटॉप, टैबलेट, सर्वर और अल्ट्रा स्मॉल फॉर्म फैक्टर (यूएसएफ़एफ) उपकरणों के निर्माण को बढ़ावा देने का काम किया. सरकार के प्रयास का नतीजा है कि आईटी हार्डवेयर के लिए पीएलआई योजना के तहत अब तक 846 करोड़ रुपये का निवेश आया है और आने वाले समय में इसमें काफी वृद्धि होने की संभावना है.
अंतरराष्ट्रीय हब के तौर पर विकसित करने की पहल
हाल के वर्षों में भारत एक महत्वपूर्ण इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माता के तौर पर उभरा है. सरकार की नीतियों के कारण पिछले 11 वर्षों में इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण में लगभग छह गुना वृद्धि हुई है. यह वर्ष 2014-15 में 1.9 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 2024-25 में 11.32 लाख करोड़ रुपये का हो गया है. इस दौरान मोबाइल विनिर्माण इकाइयों की संख्या 2 से बढ़कर 300 से अधिक हो गई है. मोबाइल विनिर्माण वर्ष 2020-21 में 2.2 लाख करोड़ से बढ़कर 5.5 लाख करोड़ रुपये का हो गया है.
यही नहीं इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात वर्ष 2014-15 में 38 हजार करोड़ रुपये से आठ गुना बढ़कर वर्ष 2024-25 में 3.26 लाख करोड़ रुपये हो गया है और इस मामले में भारत दुनिया में तीसरे स्थान पर पहुंच गया है. इस बढ़ोत्तरी का परिणाम है कि देश में इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र अब लगभग 25 लाख लोगों को रोजगार मुहैया कराने का काम कर रहा है.
इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण की सफलता के आधार पर भारत सरकार ने वर्ष 2022 में सेमीकंडक्टर के विकास के लिए कार्यक्रम शुरू किया. सरकार सेमीकंडक्टर के पूरे इकोसिस्टम को विकसित करने पर जोर दे रही है. इसमें डिजाइनिंग, फैब्रिकेशन, असेंबली, टेस्टिंग और पैकेजिंग शामिल हैं. सरकार के प्रयास का नतीजा है कि पिछले साल से भी कम समय में 1.6 लाख करोड़ का निवेश हुआ है. यह जानकारी केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने राज्यसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में दिया.
