भारत में बना कोरोना वायरस का टीका, संक्रमितों पर परीक्षण शुरू

जैव प्रौद्योगिकी विभाग की सचिव रेणु स्वरूप ने बृहस्पतिवार को कहा कि जायडस कैडिला द्वारा कोविड-19 के लिये स्वदेश विकसित टीका का मानव पर परीक्षण शुरू करना ‘आत्मनिर्भर भारत' बनने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है . जायडस कैडिला ने बुधवार को कहा था कि उसने अपने कोविड-19 टीके के परीक्षण के तहत प्रथम एवं द्वितीय चरण का क्लीनिकल परीक्षण शुरू कर दिया है.

By Agency | July 16, 2020 5:48 PM

नयी दिल्ली : जैव प्रौद्योगिकी विभाग की सचिव रेणु स्वरूप ने बृहस्पतिवार को कहा कि जायडस कैडिला द्वारा कोविड-19 के लिये स्वदेश विकसित टीका का मानव पर परीक्षण शुरू करना ‘आत्मनिर्भर भारत’ बनने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है . जायडस कैडिला ने बुधवार को कहा था कि उसने अपने कोविड-19 टीके के परीक्षण के तहत प्रथम एवं द्वितीय चरण का क्लीनिकल परीक्षण शुरू कर दिया है.

जायकोवी-डी, टीका को जायडस ने विकसित किया है. इसे राष्ट्रीय जैव औषधि अभियान के तहत जैव प्रौद्योगिकी विभाग आंशिक रूप से वित्त उपलब्ध कर रहा है. विभाग की सचिव ने एक बयान में कहा कि देश में मानव पर परीक्षण किये जाने वाला, कोविड-19 के लिये स्वदेश विकसित यह पहला टीका हो गया है. उन्होंने कहा कि यह घटनाक्रम वैज्ञानिक समुदाय के लिये भी एक बड़ी उपलब्धि है.

Also Read: पूर्वी लद्दाख में सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया जटिल, लगातार सत्यापन की जरूरत: भारतीय सेना

उन्होंने कहा, ‘‘आत्मनिर्भर भारत बनने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है क्योंकि जायडस ने स्वदेश विकसित टीके का मानव पर क्लीनिकल परीक्षण शुरू कर दिया है. हमें उम्मीद है कि यह टीका सार्थक नतीजे देना जारी रखेगा, जैसा कि इसने पूर्व- क्लीनिकल चरण में किया है जहां इसे (मानव उपयोग के लिये) सुरक्षित, प्रतिरक्षक और सहनशील पाया गया. ”

बयान में कहा गया है कि मानव पर क्लीनिकल परीक्षण के प्रथम एवं दूसरे चरण में टीके के सुरक्षित होने और कारगर होने पर अनुसंधान किया जाएगा. जायकोवी-डी और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के सहयोग से भारत बायोटेक द्वारा विकसित कोवाक्सिन , सिर्फ ऐसे दो टीके हैं जिन्हें मानव पर परीक्षण के लिये औषधि विनियामक संस्था से मंजूरी मिली है.

स्वरूप ने कहा, ‘‘जायडस के साथ यह साझेदारी महामारी से लड़ने के लिये देश को टीका की जरूरत को पूरा करती है. यह महामारी एक अरब लोगों के लिये खतरा बन गई है.” उन्होंने कहा कि इस तरह के अनुसंधान की कोशिशें भविष्य में किसी रोग के प्रसार के रोकथाम की रणनीतियों को तैयार करने में भी मदद करेंगी.

वे सरकार का ध्यान इस ओर दिलाएंगी कि एक नया माहौल बनाया जाए, जो हमारे समाज के लिये सर्वाधिक प्रासंगिक मुद्दों में वास्तविक एवं मापे जा सकने वाले बदलाव करने के लिये नये उत्पाद के नवोन्मेष को प्रोत्साहित करे. जायडस कैडिला के प्रमुख पंकज पटेल ने कहा है कि टीके का मानव पर परीक्षण शुरू किया जाना महामारी के खिलाफ लड़ाई में एक बहुत महत्वपूर्ण कदम है और यह राष्ट्र को स्वास्थ्य चुनौतियों से निपटने में मदद करेगा.

Posted By – Pankaj Kumar Pathak

Next Article

Exit mobile version