चीन-पाकिस्तान की सीमा पर तोप और रॉकेट से दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देंगी भारत की बेटियां

India China Tension : तोपखाना रेजिमेंट में पहली बार पांच महिला अधिकारी शामिल हुईं हैं. गलवान में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच साल 2020 में हुई हिंसक झड़प में शहीद बिहार रेजीमेंट के नायक दीपक सिंह की पत्नी रेखा सिंह भी सेना में शामिल हो गयी हैं.

By Prabhat Khabar | April 30, 2023 8:55 AM

India China Tension : भारतीय सेना ने पहली बार पांच महिला कैडेट को तोपखाना रेजिमेंट में कमीशन देकर नयी शुरुआत की. लेफ्टिनेंट महक सैनी, लेफ्टिनेंट साक्षी दुबे, लेफ्टिनेंट अदिति यादव, लेफ्टिनेंट पायस मुद्गिल और लेफ्टिनेंट आकांक्षा को शनिवार को चेन्नई में ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी (ओटीए) में अपना प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद तोपखाना रेजिमेंट में शामिल कर लिया गया. ओटीए चेन्नई में हुई पासिंग आउट परेड में 186 कैंडिडेट शामिल थे.

इनमें 29 कैंडिडेट भूटान के नागरिक हैं. पासिंग आउट परेड का रिव्यू बांग्लादेश के सेना प्रमुख सीओएएस जनरल एसएम शफीउद्दीन अहमद ने किया. तोपखाना रेजीमेंट में शामिल होने वाली इन महिला अधिकारियों ने चेन्नई में ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी (ओटीए) में अपना प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूरा किया है. पांच महिला अधिकारियों में से तीन को चीन के साथ लगती सीमाओं पर तैनात टुकड़ियों में नियुक्त किया गया तथा दो अन्य महिला अधिकारियों को पाकिस्तान के साथ अग्रिम सीमा के समीप चुनौतीपूर्ण स्थानों पर तैनात किया गया है.

गलवान के हीरो की पत्नी सेना में बनी लेफ्टिनेंट, जहां पति को मिली शहादत, वहीं मिली पहली तैनाती

गलवान में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच साल 2020 में हुई हिंसक झड़प में शहीद बिहार रेजीमेंट के नायक दीपक सिंह की पत्नी रेखा सिंह भी सेना में शामिल हो गयी हैं. वह बतौर लेफ्टिनेंट सेना में कमीशन हुई हैं. खास बात यह है कि रेखा सिंह को पहली तैनाती पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर दी गयी है. रेखा सिंह ने चेन्नई स्थित ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी से एक साल की ट्रेनिंग पूरी की है, जिसके बाद उन्हें बतौर लेफ्टिनेंट सेना में शामिल किया गया है.

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भारतीय सेना में महिलाओं की यात्रा

-पहली बार शॉर्ट-सर्विस कमीशन अधिकारियों के रूप में महिलाओं को शामिल करने का फैसला

-वायु सेना की लड़ाकू इकाई में महिलाओं को शामिल करने का फैसला

-सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को सेना की गैर-लड़ाकू सहायता इकाइयों में महिला अधिकारियों को पुरुष समकक्षों के समान ही स्थायी कमीशन देने का निर्देश दिया

-नौसेना ने लगभग 25 सालों के अंतराल के बाद चार महिला अधिकारियों को युद्धपोतों पर तैनात किया

-कोर ऑफ मिलिट्री पुलिस में भी महिला अधिकारियों के पहले बैच को शामिल किया

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