India China Tension : अब होगा युद्ध ? चीन ने LAC पर 60 हजार सैनिक किया तैनात, अमेरिका ने कह दी ये बात

India China Tension : पूर्वी लद्दाख (LAC,Ladakh) में पांच महीने से जारी गतिरोध के बीच अमेरिकी (america reaction on india china face off)) विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने बड़ा दावा किया है. उन्होंने कहा है कि चीन ने भारत की उत्तरी सीमा पर 60,000 सैनिक तैनात किये हैं.

By Agency | October 13, 2020 5:37 AM

पूर्वी लद्दाख (LAC,Ladakh) में पांच महीने से जारी गतिरोध के बीच अमेरिकी (america reaction on india china face off)) विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने बड़ा दावा किया है. उन्होंने कहा है कि चीन ने भारत की उत्तरी सीमा पर 60,000 सैनिक तैनात किये हैं. साथ ही पोंपियो ने चीन के खराब बर्ताव और क्वाड समूह के देशों के लिए नजर आ रहे खतरों को लेकर चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की सरकार की खिंचाई की. उन्होंने कहा कि भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान और अमेरिका (क्वाड देश) को चीन की ओर से पेश खतरों से जुड़े वास्तविक जोखिम हैं.

इधर, अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रॉबर्ट ओ ब्रायन ने कहा है कि भारत से लगती सीमा पर ताकत के बल पर नियंत्रण करने की चीन की कोशिश उसकी विस्तारवादी आक्रामकता का हिस्सा है. यह कबूलने का वक्त आ गया है कि बातचीत से चीन अपना आक्रामक रुख नहीं बदलने वाला. इधर, चीन के रवैये को देखते हुए भारत भी अलर्ट है. भारतीय सेना एलएसी पर पूरी सतर्कता बरत रही है. भारतीय वायुसेना चीन से निबटने के लिए अपनी तैयारी में जुट गयी है.

भारतीय वायुसेना का बोइंग-सी17 ग्लोबमास्टर भी लद्दाख में तैनात है. शनिवार को ग्लोबमास्टर को लेह एयरपोर्ट पर उतारा गया. इसके अलावा, भारतीय वायुसेना के चिनूक विमान एलएसी पर उड़ान भर रहे हैं. इस बीच, लद्दाख के लेह एयरबेस से वायुसेना के मिग-29 ने भी उड़ान भरी. तनाव के बीच वायुसेना यहां लगातार अपने ऑपरेशन को अंजाम दे रही है.

चीन के खिलाफ नीति बननी शुरू : पोंपियो ने कहा कि भारत के उत्तर-पूर्वी हिस्से में चीन से सीधे आमना-सामना हो रहा है. उत्तर में चीन ने भारत के खिलाफ बड़ी संख्या में बलों को तैनात करना शुरू कर दिया है. उन्होंने कहा कि क्वाड देशों के विदेश मंत्रियों के साथ बैठकों में समझ और नीतियां विकसित होना शुरू हुई हैं. इनके जरिये ये देश चीन की कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा पेश खतरों का एकजुट होकर विरोध कर सकते हैं. इस लड़ाई में निश्चित ही अमेरिका की जरूरत है.

दक्षिण चीन सागर में अमेरिकी नौसेना के मिशन का विरोध : चीन ने कहा कि अमेरिका का मिसाइल विध्वंसक जॉन एस मैकेन दक्षिण चीन सागर में जब उसके कब्जे वाले द्वीपों के निकट से गुजरा, तो उसके पीछे उसने अपने जहाज और विमान भेजे थे. पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने आरोप लगाया है कि अमेरिकी युद्धपोत ने शुक्रवार को पारासेल द्वीपों के निकट उसके जलक्षेत्र में अनाधिकार प्रवेश किया. पीएलए की सदर्न थियेटर कमान के प्रवक्ता कर्नल झांग नानदोंग ने कहा कि बीजिंग मांग करता है कि अमेरिका ऐसी गतिविधियों को बंद करे.

Posted By : Amitabh Kumar

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