India China face Off: शांति बहाल करने के लिए जल्द ही ठोस कदम उठा सकता है चीन, भारत को है उम्मीद

नयी दिल्ली : पूर्वी लद्दाख में सात सप्ताह से भारत-चीन की सेनाओं में बढ़े तनाव के बीच भारत ने गुरुवार को कहा कि उसे उम्मीद है कि चीन प्रासंगिक द्विपक्षीय करार के प्रावधानों के अनुरूप सीमाई इलाके में जल्द अमन-चैन बहाल करने के लिए कदम उठायेगा. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने 59 चीनी ऐप पर प्रतिबंध का हवाला देते हुए कहा कि भारत में संचालित होने वाली कंपनियों को तय नियमों और नियामकीय ढांचे के तहत काम करना होगा.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 2, 2020 10:09 PM

नयी दिल्ली : पूर्वी लद्दाख में सात सप्ताह से भारत-चीन की सेनाओं में बढ़े तनाव के बीच भारत ने गुरुवार को कहा कि उसे उम्मीद है कि चीन प्रासंगिक द्विपक्षीय करार के प्रावधानों के अनुरूप सीमाई इलाके में जल्द अमन-चैन बहाल करने के लिए कदम उठायेगा. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने 59 चीनी ऐप पर प्रतिबंध का हवाला देते हुए कहा कि भारत में संचालित होने वाली कंपनियों को तय नियमों और नियामकीय ढांचे के तहत काम करना होगा.

डाटा सुरक्षा और व्यक्तिगत डाटा की गोपनीयता से जुड़ी कंपनियां भी इसमें शामिल हैं. मंगलवार को कोर कमांडर स्तरीय वार्ता के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि ‘आपसी सहमति’ से मुद्दों के समाधान के लिए दोनों पक्ष सैन्य और राजनयिक स्तर पर अपनी बैठकें जारी रखेंगे.

उन्होंने कहा कि वरिष्ठ कमांडरों की हालिया बैठक दोनों देशों के बीच 3,500 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनाव कम करने की प्रतिबद्धता को दिखाती है. श्रीवास्तव ने कहा, ‘मुद्दों के समाधान के लिए आपसी सहमति के साथ दोनों पक्ष सैन्य और राजनयिक स्तर पर अपनी बैठकें जारी रखेंगे. इसमें डब्ल्यूएमसीसी (परामर्श और समन्वय के लिए कार्यकारी तंत्र) के ढांचे के तहत वार्ता भी शामिल हैं.’

उन्होंने कहा, ‘हम अपेक्षा करते हैं कि चीनी पक्ष निष्ठापूर्वक कदम उठायेगा और द्विपक्षीय समझौतों और प्रोटोकॉल के तहत जल्द सीमाई इलाके में अमन-चैन सुनिश्चित करेगा.’ चीनी ऐप को प्रतिबंधित करने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि भारत इंटरनेट प्रौद्योगिकी सहित विभिन्न क्षेत्रों में विदेशी निवेश का स्वागत करेगा, लेकिन कंपनियों को देश के नियामकीय ढांचे और नियमों के हिसाब से काम करना होगा.

उन्होंने कहा कि प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए भारत की नीतियां काफी उदार हैं और सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में निवेश अनुकूल माहौल बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं. उन्होंने कहा, ‘इसी तरह डिजिटल प्रौद्योगिकी और इंटरनेट के क्षेत्र में भारत की व्यवस्था काफी खुली है. डिजिटल और इंटरनेट प्रौद्योगिकी के लिए 68 करोड़ उपभोक्ताओं के साथ भारत आज दुनिया का सबसे बड़ा बाजार है.’

श्रीवास्तव ने कहा कि दुनिया की बड़ी और अग्रणी सॉफ्टवेयर और इंटरनेट एप्लिकेशन कंपनियां भारत में मौजूद हैं और वे डाटा सुरक्षा और व्यक्तिगत डाटा की गोपनीयता संबंधी नियमों का पालन करते हुए नियम और कानूनों के मुताबिक काम करती हैं. उन्होंने कहा, ‘इंटरनेट प्रौद्योगिकी समेत विभिन्न क्षेत्रों में भारत में विदेशी निवेश का हम स्वागत करेंगे लेकिन यह सरकार द्वारा स्थापित नियमों और नियामकीय ढांचे के तहत होगा.’

चीन से तनाव के बीच सरकार ने टिकटॉक समेत 59 चीनी ऐप पर प्रतिबंध लगा दिया है. मंगलवार को हुई सैन्य वार्ता के बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि दोनों पक्षों ने जल्द, चरणबद्ध और क्रमिक तरीके से तनाव घटाने पर जोर दिया है. उन्होंने कहा कि विदेश मंत्री एस जयशंकर और उनके चीनी समकक्ष वांग यी के बीच 17 जून को बनी सहमति के आधार पर यह फैसला हुआ है.

बातचीत में जिम्मेदार तरीके से समग्र हालात से निपटने पर सहमति बनी थी. श्रीवास्तव ने कहा, ‘वरिष्ठ कमांडरों के बीच हालिया वार्ता एलएसी पर तनाव घटाने के लिए दोनों पक्षों की प्रतिबद्धता को दिखाती है.’ बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व 14 वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह ने किया जबकि चीन के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व तिब्बत सैन्य जिला के कमांडर मेजर जनरल लियू लिन ने किया. एलएसी और सीमाई क्षेत्रों में आमने-सामने खड़ी सेनाओं के पीछे हटने तथा तनाव घटाने से जुड़े मुद्दों पर चर्चा के लिए वरिष्ठ सैन्य कमांडर स्तर की यह तीसरी बैठक थी.

Posted By: Amlesh Nandan Sinha.

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