491 कैडेट्स बने भारतीय सेना के अधिकारी, देहरादून में IMA पासिंग आउट परेड में शामिल
IMA Passing Out Parade: देहरादून में भारतीय सैन्य अकादमी की 157वीं पासिंग आउट परेड में 491 ऑफिसर कैडेट्स भारतीय सेना में शामिल हुए. भारतीय सेना के लिए यह एक एतिहासिक कदम होगा.
IMA Passing Out Parade: भारतीय सैन्य अकादमी (IMA) में शनिवार को 157वीं रेगुलर पासिंग आउट परेड आयोजित हुई, जिसमें 491 ऑफिसर कैडेट्स भारतीय सेना का हिस्सा बने. इसके अलावा, 34 कैडेट्स 14 मित्र देशों की सेनाओं में शामिल हुए. इस अवसर पर थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने रिव्यूइंग अफसर के तौर पर परेड का निरीक्षण किया और कैडेट्स की सलामी ली.
कठिन प्रशिक्षण और सफलता की कहानी
इन 491 युवाओं ने अपनी कठिन ट्रेनिंग पूरी कर भारतीय सेना का अंग बनने का सपना साकार किया. यह कैडेट्स भारतीय सेना के गौरवशाली इतिहास से जुड़े हुए हैं और अब अपनी-अपनी पोस्ट पर ड्यूटी करेंगे.
महिला कैडेटों का इतिहासिक कदम
आईएमए ने जुलाई 2025 से महिला कैडेटों का प्रशिक्षण शुरू किया है. इस परेड के साथ ही आइएमए ने अब तक देश और विदेश की सेनाओं को 66,500 से अधिक सैन्य अधिकारी देने का गौरव हासिल किया, जिनमें करीब तीन हजार मित्र देशों के अधिकारी भी शामिल हैं. दिसंबर 2023 से कैडेटों को संबोधित करने वाले शब्द भी बदले गए; अब ‘जेंटलमैन कैडेट’ के बजाय ‘ऑफिसर कैडेट’ कहा जाता है, जो सेना में लैंगिक समानता की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है.
अगली पासिंग आउट परेड में महिला कैडेट भी ड्रिल स्क्वायर पर नजर आएंगी. अगस्त 2022 में एनडीए में शामिल हुए 19 महिला कैडेट्स में से 8 अब आइएमए में प्रवेश कर चुके हैं और यहां एक वर्ष का कठोर प्रशिक्षण ले रहे हैं. यह सेना के लिए एक नए युग की शुरुआत है, जहां पुरुष और महिला कैडेट्स एक साथ प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे.
कब हुआ भारतीय सैन्य अकादमी की स्थापना
भारतीय सैन्य अकादमी की स्थापना 1 अक्टूबर 1932 में हुई थी. पहले बैच से 40 कैडेट पास आउट हुए थे. पिछले 93 वर्षों में अकादमी ने अपनी प्रशिक्षण क्षमता कई गुणा बढ़ाई है और अब यह देश के सबसे प्रतिष्ठित और कठिन प्रशिक्षण केंद्रों में से एक मानी जाती है.
