ओडिशा ट्रेन हादसे के 51 घंटे बाद ट्रैक से गुजरी हावड़ा-पुरी वंदे भारत एक्सप्रेस, रफ्तार रही धीमी

मामले की जानकारी देते हुए अधिकारियों ने बताया कि ओडिशा के बालासोर में दुर्घटना प्रभावित सेक्शन से दुर्घटना के 51 घंटे बाद रविवार रात करीबन 10 बजकर 40 मिनट पर पहली ट्रेन यहां से रवाना हुई.

By Vyshnav Chandran | June 5, 2023 11:36 AM

Hawrah-Puri Vande Bharat Express Crosses Balasore: ओडिशा में शुक्रवार को हुए भीषण रेल हादसे ने पूरे देश को हिल आकर रख दिया. इस घातक दुर्घटना के बाद आज यहां ट्रेनों के आने जाने का सिलसिला एक बार फिर शुरू हो गया. इसी क्रम में हावड़ा-पुरी वंदे भारत एक्सप्रेस भी यहां से गुजरी. वैसे तो हम सभी वंदे भारत एक्सप्रेस को उसकी तेज रफ्तार की वजह से जानते हैं लेकिन, जिस समय यह एक्सप्रेस ट्रेन घटनास्थल से गुजरी उसकी रफ़्तार काफी कम रही. बता दें हादसे के 51 घंटों के भीतर इंडियन रेलवे ने प्रभावित ट्रैक पर ट्रेनों के आवाजाही का सिलसिला एक बार फिर शुरू कर दिया है.


रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने दिखाई हरी झंडी

मामले की जानकारी देते हुए अधिकारियों ने बताया कि ओडिशा के बालासोर में दुर्घटना प्रभावित सेक्शन से दुर्घटना के 51 घंटे बाद रविवार रात करीबन 10 बजकर 40 मिनट पर पहली ट्रेन यहां से रवाना हुई. यह एक मालगाड़ी थी और रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसे हरी झंडी दिखाई थी. जिस समय यह मालगाड़ी वहां से गुजरी उस समय मौके पर कई मीडियाकर्मी और रेलवे के अधिकारी भी मौजूद थे. बता दें यह मालगाड़ी विशाखपटनम बंदरगाह से राउरकेला इस्पात संयंत्र जा रही है और उसी पटरी पर चल रही है जहां शुक्रवार को ट्रेन दुर्घटना हुई थी.

घटनास्थल पर मौजूद रहे अश्विनी वैष्णव

हादसे के बाद से ही रेलवे ने काफी तेजी से दुर्घटनास्थल पर ट्रैक को ठीक करने का काम काफी तेजी से किया. काम जल्दी और ठीक से हो इसकी निगरानी करने के लिए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव खुद मौके पर मौजूद रहें. वैष्णव अधिक रात तक मौके पर मौजूद रहकर रेल कर्मियों को निर्देश देते रहे. जब तक ट्रैक के मरम्मत का काम पूरा नहीं हुआ वे वहीं पर मौजूद रहे. पीएम मोदी को भी वैष्णव ने फोन कर इसका पूरा अपडेट दिया.

सीबीआई करेगी जांच

ओडिशा ट्रेन हादसे में 275 लोगों की मौत हो गयी जबकि, 1100 से अधिक घायल हो गए. बता दें रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस हादसे की जांच सीबीआई से करवाने का ऐलान किया है. इससे पहले रेल मंत्री ने बताया कि इस दुर्घटना का मूल कारण इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग में बदलाव था.

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