‘इन्वेस्ट इन हापुड़ समिट 2025’ में 1300 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव
Hapur Investment Summit 2025: इन्वेस्ट इन हापुड़ समिट 2025’ में 1300 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले. हापुड़ अब दिल्ली-एनसीआर का नया औद्योगिक और शहरी विकास केंद्र बनकर उभर रहा है, जिससे रोजगार और आधारभूत ढांचे का विकास होगा.
Hapur Investment Summit 2025: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार प्रदेश को देश का अग्रणी निवेश और औद्योगिक गंतव्य बनाने की दिशा में लगातार ठोस कदम उठा रही है. इसी क्रम में अब दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में एक नया ग्रोथ सेंटर तेजी से उभर रहा है और वह है हापुड़. हाल ही में हापुड़-पिलखुवा विकास प्राधिकरण द्वारा आयोजित ‘इन्वेस्ट इन हापुड़ समिट–2025’ ने यह स्पष्ट संकेत दिया है कि आने वाले वर्षों में हापुड़ भी गाजियाबाद, नोएडा और गुरुग्राम की तर्ज पर एक प्रमुख औद्योगिक और शहरी विकास केंद्र के रूप में अपनी पहचान स्थापित करेगा. समिट के दौरान करीब 1300 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए, जिससे क्षेत्र में बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन और आधारभूत ढांचे के विकास की संभावनाएं मजबूत हुई हैं.
निवेशकों के भरोसे की नई जमीन बना हापुड़
इस समिट का मुख्य उद्देश्य हापुड़-पिलखुवा क्षेत्र की वास्तविक निवेश क्षमता को उद्योग जगत के सामने प्रस्तुत करना और दीर्घकालिक निवेश को आकर्षित करना रहा. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश के वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना रहे. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पारदर्शी नीतियों, मजबूत कानून-व्यवस्था और निवेश-अनुकूल वातावरण के कारण उत्तर प्रदेश आज देश के शीर्ष निवेश गंतव्यों में शामिल हो चुका है. वित्त मंत्री ने कहा कि दिल्ली-एनसीआर का विकास अब कुछ सीमित क्षेत्रों तक सिमटा नहीं रहेगा. हापुड़ जैसे क्षेत्र नए विकास इंजन के रूप में उभर रहे हैं, जहां निवेशकों को बेहतर कनेक्टिविटी, योजनाबद्ध विकास और प्रशासनिक सहयोग एक साथ उपलब्ध हो रहा है.
एचपीडीए की वित्तीय मजबूती ने बढ़ाया निवेशकों का भरोसा
समिट में हापुड़-पिलखुवा विकास प्राधिकरण (एचपीडीए) के वाइस चेयरमैन डॉ. नितिन गौड़ (आईएएस) के प्रयासों की विशेष सराहना की गई। समिट में प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार, बीते दो वर्षों में प्राधिकरण का कुल लाभ 172 करोड़ रुपये से बढ़कर 435 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है. वहीं नक्शा स्वीकृति एवं अन्य अनुमतियों से होने वाली आय 5.3 करोड़ रुपये से बढ़कर 26.32 करोड़ रुपये हो गई है. यह वृद्धि त्वरित निर्णय प्रक्रिया, पारदर्शी प्रशासन और नियोजित विकास का प्रत्यक्ष प्रमाण है.
दिल्ली से नजदीकी, बेहतर कनेक्टिविटी और मास्टर प्लान बना ताकत
समिट के माध्यम से निवेशकों को यह संदेश दिया गया कि हापुड़ अब केवल ग्रामीण पहचान तक सीमित नहीं है, बल्कि यह दिल्ली से लगभग 15 मिनट की दूरी पर स्थित एक उभरता हुआ शहरी और औद्योगिक केंद्र बन चुका है। हापुड़ का मास्टर प्लान वर्ष 2024 में स्वीकृत हो चुका है और यह क्षेत्र नेशनल हाईवे-9, दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे और गंगा एक्सप्रेसवे से सीधे जुड़ा हुआ है. निवेशकों को ग्रामवार खसरा विवरण सहित आवासीय और औद्योगिक भूमि की विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराई गई, जिससे भूमि चयन की प्रक्रिया सरल और पारदर्शी बनी. यह योगी सरकार के ईज ऑफ डूइंग बिजनेस मॉडल का व्यावहारिक उदाहरण है.
स्वास्थ्य, आवास और आईटी सेक्टर में बड़े निवेश प्रस्ताव
समिट में स्वास्थ्य, रियल एस्टेट, आईटी पार्क और ग्रुप हाउसिंग सेक्टर से जुड़े निवेशकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया. प्राप्त निवेश प्रस्तावों में प्रमुख रूप से—
- यशोदा हॉस्पिटल ग्रुप – 300 करोड़ रुपये
- एस्पायर ग्रुप – 150 करोड़ रुपये
- दिव्यांश ग्रुप – 200 करोड़ रुपये
- आनंतम – 150 करोड़ रुपये
- आईटी पार्क (विशाल त्यागी) – 200 करोड़ रुपये
- एमएंडएम – 100 करोड़ रुपये
- वी मैप्स – 150 करोड़ रुपये
- पार्क सिटी – 100 करोड़ रुपये
