सरकार का काम कारोबार करना नहीं है, सरकारी कंपनियों को बेचकर 2.5 लाख करोड़ विकास कार्य पर खर्च करेगी मोदी सरकार

इन पैसो का इस्तेमाल देश के विकास में आज लोगों पर खर्च किया जाना है. उन्होंने कहा, हमारी सरकार चार रणनीतिक क्षेत्र को छोड़कर सभी क्षेत्रों के सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण करेगी. प्रधानमंत्री ने कहा, अगर सरकार मौद्रिकरण करती है तो उस जगह को प्राइवेट सेक्टर भरता है. यह निजी क्षेत्र है जो निवेश के साथ- साथ वैश्विक स्तर पर अपनायी जाने वाली चीजों को लाता है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 24, 2021 10:24 PM

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मौद्रिकरण आधुनिकीकरण पर बल दिया है. आज प्रधानमंत्री ने इसी तरह संकेत करते हुए कहा केंद्र इस पर ध्यान दे रहा है कि ऐसेट मॉनेटाइजेशन स्‍कीम के तहत बेकार पड़ी हुई या आधी-अधूरी इस्‍तेमाल हुई 100 सरकारी संपत्तियों का मौद्रिकरण करने का फैसला लिया गया है. सरकार को इस माध्यम से 2.5 लाख करोड़ रुपये मिलेंगे.

इन पैसो का इस्तेमाल देश के विकास में आज लोगों पर खर्च किया जाना है. उन्होंने कहा, हमारी सरकार चार रणनीतिक क्षेत्र को छोड़कर सभी क्षेत्रों के सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण करेगी. प्रधानमंत्री ने कहा, अगर सरकार मौद्रिकरण करती है तो उस जगह को प्राइवेट सेक्टर भरता है. यह निजी क्षेत्र है जो निवेश के साथ- साथ वैश्विक स्तर पर अपनायी जाने वाली चीजों को लाता है.

सरकार का काम व्यापार चलाना नहीं है सरकार काम है लोगों के हित में देश के विकास के लिए काम करना, विकास परियोजनाओं पर ध्यान देना. सरकार कारोबार करती है तो इसमें बड़ा नुकसान होता है. नियमों की वजह से सरकार मुश्किल और जोखिमभरे वाणिज्यिक फैसले नहीं ले पाती. सरकार 111 लाख करोड़ रुपये की नई राष्ट्रीय बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर काम कर रही .

इस फैसले पर प्रधानमंत्री ने कहा, यह समय की मांग है. सरकारी कंपनियों की स्‍थापना का दौर अलग था और उस समय की जरूरतें भी अलग थीं. अब से 50-60 साल अच्‍छे नतीजे देने वाली नीतियों में समय के मुताबिक सुधार की गुजाइश हमेशा बनी रहती है.

Also Read: पहले दी धमकी फिर पत्नी और साली को जलाकर मार डाला, खुद को भी मार ली गोली

उन्होंने कहा कि ‘‘सरकारी कंपनियों को केवल इसलिए नहीं चलाया जाना चाहिए कि वे विरासत में मिली हैं.” प्रधानमंत्री ने कहा कि रुग्ण सार्वजनिक उपक्रमों को वित्तीय समर्थन देते रहने से अर्थव्यवस्था पर बोझ पड़ता है. मोदी ने सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों पर आयोजित वेबिनार में कहा कि बजट 2021-22 में भारत को ऊंची वृद्धि की राह पर ले जाने के लिए स्पष्ट रूपरेखा बनाई गई है. उन्होंने कहा कि कई सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम घाटे में हैं, कइयों को करदाताओं के पैसे से मदद दी जा रही है .

सरकारी कंपनियों को केवल इसलिए नहीं चलाया जाना चाहिए कि वे विरासत में मिली हैं. उन्होंने कहा व्यवसाय करना सरकार का काम नहीं, सरकार का ध्यान जन कल्याण पर होना चाहिए. सरकार के पास कई ऐसी संपत्तियां हैं, जिसका पूर्ण रूप से उपयोग नहीं हुआ है या बेकार पड़ी हुई हैं, ऐसी 100 परिसंपत्तियों को बाजार में चढ़ाकर 2.5 लाख करोड़ रुपये जुटाये जाएंगे.

मोदी ने कहा सरकार मौद्रिकरण, आधुनिकीकरण पर ध्यान दे रही है. निजी क्षेत्र से दक्षता आती है, रोजगार मिलता है. निजीकरण, संपत्ति के मौद्रिकरण से जो पैसा आएगा उसे जनता पर खर्च किया जाएगा. प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार चार रणनीतिक क्षेत्रों को छोड़कर अन्य सभी क्षेत्रों के सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण को प्रतिबद्ध है.

Also Read: IRCTC News Today Hindi: अब ट्रेन में डिस्पोजल बेडरोल की मिलेगी सुविधा, पढ़ें क्या होगी पूरी प्रक्रिया

उन्होंने कहा कि रणनीतिक महत्व वाले चार क्षेत्रों में सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को कम से कम स्तर पर रखा जायेगा. मोदी ने कहा कि उनकी सरकार 111 लाख करोड़ रुपये की नयी राष्ट्रीय बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पाइपलाइन (सूची) पर काम कर रही है.

Next Article

Exit mobile version