Gold Monetisation Scheme : आपके घर में पड़ा सोना करेगा कमाई, सालाना ब्याज से बनाये पैसा, पढ़ें क्या है निवेश की पूरी प्रक्रिया

इस योजना के तहत कम से कम 10 ग्राम का डिपॉजिट रखना होगा. यह सीमा पहले 30 ग्राम की थी जिसे कम कर दिया गया है. R-GMS के तहत सोना जमा करने की कोई ऊपरी सीमा नहीं है इसके लिए एक नयी वेबसाइट और पोर्टल लांच होगा

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 11, 2021 4:48 PM
  • गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम पर सरकार का फोकस

  • घर में पड़े सोने पर बैंकों में मिलेगा सालाना ब्याज

  • ज्वैलर्स को बनाया गया है एजेंट

सरकार ने गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम को बदलने की तरफ कदम बढ़ाया है. इसके लिए नयी गाइडलाइन भी जारी कर दी गयी है. सरकार ने सभी बैंकों से इस गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम को सहयोग करने की अपील की है. सरकार ने इस स्कीम को औऱ लोकप्रिय बनाने के लिए ज्वैलर्स को शामिल किया है. उन्हें गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम में एजेंट बनाया गया है.

इस योजना के तहत कम से कम 10 ग्राम का डिपॉजिट रखना होगा. यह सीमा पहले 30 ग्राम की थी जिसे कम कर दिया गया है. R-GMS के तहत सोना जमा करने की कोई ऊपरी सीमा नहीं है इसके लिए एक नयी वेबसाइट और पोर्टल लांच होगा . MLRGD गोल्ड के लिए SBI कस्टोडियन होगा.ज्वैलर्स को मोबलाइजेशन के लिए एजेंट बनाया गया है. इसके तहत शुद्धता और कलेक्शन का काम यही करेंगे . बैंकों को 1 फीसदी कमीशन और 1.5 फीसदी हैंडलिंग चार्ज मिलना है.

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पढ़ें सालाना कितना मिलेगा ब्याज

इस योजना को समझेंगे और निवेश करेंगे तो लाभ का एक बेहतर मौका आपको पास होगा . अगर आपके घर में सोना रखा है तो उसे बैंक में रखकर आपको मुनाफा कमा सकते हैं. आपको आपके सोने की सालाना वैल्यू पर 2.25 फीसद ब्याज मिलता है मतलब बिना कुछ किये प्रोफिट. इसके तहत आप सोने का सिक्का, ज्वैलरी या कुछ भी जमा करा सकते हैं. इस योजना के तहत सरकार आपके घर में रखे सोने से ही आपको प्रोफिट दे रही है. इसमें आप 5 से 7 साल औऱ लंबी अवधि यानि 12 साल के लिए सोना जमा कर सकते हैं.

घर में और बड़े ट्रस्ट में सोना

विशेषज्ञों की मानें तो सरकार इस योजना के जरिये अर्थव्यस्था को ठीक करने की योजना बना रही है. सरकार इसके जरिये घर औऱ बड़े – बड़े ट्रस्ट में रखे सोने को बाहर निकाल रही है. इस योजना से सोने के मालिक के साथ- साथ देश की अर्थव्यस्था को भी मजबूती मिल रही है. इसमें सभी सरकारी बैंकों को भी सहयोग करने की अपील की गयी है. एक सर्वे की मानें तो भारत के घरों और ट्रस्ट में 24 हजार से 25 हजार टन सोना है. अगर निवेश के लिए इस सोने को बाहर निकाल दिया जाता है तो इससे बड़ा फायदा होगा.

सोना बाहर निकेलगा, तो देश की अर्थव्यस्था ऊपर उठेगी

अगर घरों से और बड़े ट्रस्टों से सोना बाहर निकलेगा तो सरकार को सोने पर आयात कम करने में मदद मिलेगी. अगर आयात पर निर्भरता कम हुई तो चालू खाता में घाटा को कंट्रोल करने में मदद मिलेगी. अभी चालू खाता में सोने के आयात की वजह से घाटा एक प्रमुख कारण है.

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बैंकों में बनाया जायेगा सर्विस ब्रांच

सरकार ने इसमें बदलाव करते हुए सभी सरकारी बैंकों को इसमें हिस्सा लेने का आदेश दिया है. बैंकों में कम से कम एक तिहाई शाखाओं को गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम सर्विस ब्रांच बनाया जाना है. प्राइवेट बैंकों से भी अपील की गयी है कि इसमें हिस्सा लें

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