पहली बार अपवाद स्वरूप दिवंगत विभूतियों बंगबंधु और ओमान के सुल्तान को गांधी शांति पुरस्कार देने की हुई घोषणा

First time, Exceptions, Gandhi Peace Prize : नयी दिल्ली : भारत सरकार ने पिछले दो वर्षों के गांधी शांति पुरस्कार की एक साथ सोमवार को घोषणा की. गांधी शांति पुरस्कार पहली बार दिवंगत विभूतियों को देने की घोषणा की गयी है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, अब तक दिवंगत विभूतियों को यह पुरस्कार नहीं दिया गया है. पहली बार भारत सरकार ने चयन प्रक्रिया के बदलाव कर अपवाद स्वरूप पुरस्कार देने की घोषणा की है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 23, 2021 9:06 AM

नयी दिल्ली : भारत सरकार ने पिछले दो वर्षों के गांधी शांति पुरस्कार की एक साथ सोमवार को घोषणा की. गांधी शांति पुरस्कार पहली बार दिवंगत विभूतियों को देने की घोषणा की गयी है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, अब तक दिवंगत विभूतियों को यह पुरस्कार नहीं दिया गया है. पहली बार भारत सरकार ने चयन प्रक्रिया के बदलाव कर अपवाद स्वरूप पुरस्कार देने की घोषणा की है.

पिछले दो वर्षों के लिए, साल 2019 के लिए दिवंगत ओमानी सुल्तान कबूस बुल सईद अल सैद और साल 2020 के लिए बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर्रहमान को अहिंसक तरीकों से सामाजिक और राजनीतिक परिवर्तन में उनके योगदान को देखते हुए यह पुरस्कार देने की घोषणा की गयी है. गांधी शांति पुरस्कार के तहत एक करोड़ रुपये के साथ एक प्रशस्ति पत्र, एक पट्टिका और एक पारंपरिक हस्तकला या हस्तकरघा की वस्तु प्रदान की जाती है.

बताया जाता है कि शांति, अहिंसा और मानवीय कष्टों के निवारण के योगदान और भारत के साथ विशेष संबंधों के साथ-साथ खाड़ी देशों में शांति और अहिंसा को बढ़ावा देने के लिए सुल्तान कबूस को यह पुरस्कार देने का फैसला किया गया है. जबकि, बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान को अहिंसक तरीकों से सामाजिक और राजनीतिक परिवर्तन में उनके योगदान और भारत के साथ संबंधों को आगे बढ़ाने के कार्यों को देखते हुए पुरस्कार देने की घोषणा की गयी है.

मालूम हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 26 मार्च को इस साल की पहली विदेश यात्रा पर बांग्लादेश जा रहे हैं. प्रधानमंत्री बांग्लादेश के राष्ट्रीय दिवस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल होंगे. मालूम हो कि इससे पहले 17 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के साथ वर्चुअल समिट में हिस्सा लिया था. साथ ही दोनों देशों ने कनेक्टिविटी बढ़ाने पर जोर दिया था.

प्रधानमंत्री बांग्लादेश के दो दिवसीय दौरे के दौरान ढाका मुजीब शताब्दी समारोह में शामिल होने के अलावा ‘बंगबंधु-बापु’ डिजिटल प्रदर्शनी को बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के साथ लॉन्च करेंगे. मालूम हो कि इस साल को दोनों देशों बांग्लादेश और भारत में मुजीब बारशो के रूप में मनाया जा रहा है. गौरतलब हो कि शेख मुजीबुर्रहमान ने 26 मार्च 1971 को बांग्लादेश की स्वतंत्रता की घोषणा की थी. इस साल दोनों देश 50वीं वर्षगांठ बना रहे हैं.

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