Data Theft: लड़के ने चुराया 70 करोड़ लोगों का डेटा, वेब डिजाइनर के रूप में की थी करियर की शुरुआत

साइबराबाद के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने इस बात की जानकारी देते हुए बताया कि- विनय भारद्वाज ने साइबर क्राइम में तब प्रवेश किया जब उन्होंने गुजरात के एक कपड़ा व्यापारी के लिए एक वेबपेज बनाया, जिसने डेटा इकठ्ठा करने और भारी मुनाफे के लिए इसे वेब पर बेचने की पेशकश की.

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 3, 2023 6:12 PM

Data Theft: आये दिन हम डेटा चोरी की खबरें सुनते ही रहते हैं. डेटा चोर इनका इस्तेमाल पैसे कमाने के लिए करते हैं. जब भी यह चोर आपके डेटा को चुराते हैं तो इसे इंटरनेशनल मार्केट पर काफी महंगे कीमत पर बेचते हैं. डेटा चोरी की एक ऐसी ही एक और घटना सामने आयी है. यहां फरीदाबाद के एक लड़के को साइबराबाद पुलिस ने गिरफ्तार किया है. इस लड़के का नाम विनय भरद्वाज है और इसपर 70 करोड़ गोपनीय नागरिकों का डेटाबेस बनाने और उसे क्लाउड पर बेचने का आरोप है. एक बड़ा साइबर अपराधी बनने से पहले विनय एक वेब डिजाइनर के रूप में काम करता था. पुलिस ने बताया कि आरोपी विनय ने कुल 24 राज्यों और 8 महानगरों में रहने वाले लोगों और कंपनियों का सीक्रेट डेटा चुराकर बेचा है. बता दें इस लड़के ने साइबर क्राइम की दुनिया में कदम रखने से पहले वेब डिजाइनर के रूप में काम किया है. तो चलिए जानते हैं आखिर ऐसा क्या हुआ जो इसे साइबर क्राइम की दुनिया में कदम रखना पड़ा.

साइबर क्राइम की दुनिया में किस तरह रखा कदम

साइबराबाद के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने इस बात की जानकारी देते हुए बताया कि- विनय भारद्वाज ने साइबर क्राइम में तब प्रवेश किया जब उन्होंने गुजरात के एक कपड़ा व्यापारी के लिए एक वेबपेज बनाया, जिसने डेटा इकठ्ठा करने और भारी मुनाफे के लिए इसे वेब पर बेचने की पेशकश की. इसने उनकी आपराधिक प्रवृत्ति को बल दिया और उन्होंने जल्द ही डेटा जमाखोरी के फील्ड में विशाल छलांग लगा दी. पुलिस ने आगे बताया कि- सैकड़ों लोग इस व्यवसाय से जुड़े हुए हैं और कई की अपनी वेबसाइटें भी हैं, जो संवेदनशील जानकारी की बिक्री करते हैं. पुलिस ने कहा- ग्राहकों का आधार डेटा निजी व्यवसाय संचालकों द्वारा लीक किया गया था. सड़ांध गहरी है और अधिक जांच की जरूरत है. साइबराबाद पुलिस इस बात से भी हैरान रह गई कि एक ई-कॉमर्स व्यापारी संचालक 77 अलग-अलग केटेगरी के तहत ग्राहक डेटा बनाए रख रहा था और ये लीक हो गए थे. अधिकारी ने आगे बताया कि और भी संगठन थे, जिन्होंने ग्राहकों का डिटेल्ड डेटा बनाए रख रहे थे.

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गुजरात स्थित लोगों से खरीदा गया डेटा

अब सवाल आता है कि क्या इन कंपनियों के पास किसी व्यक्ति के साथ व्यापार करते समय इतनी बड़ी जानकारी एकत्र करने की अनुमति है. क्या वे ऐसा करने से पहले ग्राहक की सहमति लेते हैं? एक अधिकारी ने पूछा कि अगर उन्होंने अनुमति ली है, तो यह सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा तंत्र क्या है कि कोई चोरी न हो. दिल्ली और नोएडा से संचालित डेटा-चोरी करने वाले गिरोह, जिनका कुछ ही हफ्ते पहले भंडाफोड़ किया गया था, BPO की आड़ में डेटा बिक्री का बिजनेस संचालित कर रहे थे. लेकिन, भारद्वाज द्वारा संचालित फरीदाबाद स्थित कार्टेल एक अपंजीकृत सेट-अप था, पुलिस ने आगे बताते हुए कहा कि- भारद्वाज ने 70 करोड़ के अधिकांश डेटा गुजरात के दो व्यक्तियों से खरीदे, आईएम दोनों व्यक्तियों की तलाश इस समय पुलिस कर रही है। अधिकारी ने कहा कि व्यक्तिगत जानकारी कैसे लीक हो रही थी, इस पर शून्य करने के लिए दोनों को पकड़ना महत्वपूर्ण है.

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