क्या होता है आर्थिक सर्वेक्षण, जानें इससे जुड़ी खास बातें…

आर्थिक सर्वेक्षण दरअसल अर्थव्यवस्था का एक वार्षिक रिपोर्ट कार्ड है जो प्रत्येक क्षेत्र के प्रदर्शन की जांच करता है और फिर भविष्य के लिए सुझाव देता है. आर्थिक सर्वेक्षण में जीडीपी विकास अनुमान को भी सामने रखा जाता है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 31, 2022 11:01 AM

Budget 2022 : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण केंद्रीय बजट 2022-23 से पहले आज संसद में देश का आर्थिक सर्वेक्षण पेश करेंगी. उसके बाद दोपहर 3.45 बजे मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन आर्थिक सर्वेक्षण 2021-22 पर चर्चा करते हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करेंगे.

क्या होता है आर्थिक सर्वेक्षण

आर्थिक सर्वेक्षण दरअसल अर्थव्यवस्था का एक वार्षिक रिपोर्ट कार्ड है जो प्रत्येक क्षेत्र के प्रदर्शन की जांच करता है और फिर भविष्य के लिए सुझाव देता है. आर्थिक सर्वेक्षण में जीडीपी विकास अनुमान को भी सामने रखा जाता है.

वी अनंत नागेश्वरन का पहला आर्थिक सर्वेक्षण

वी अनंत नागेश्वरन ने आर्थिक सर्वेक्षण पेश होने के कुछ दिन पहले ही मुख्य आर्थिक सलाहकार का पद संभाला है. यही वजह है कि इस बार का आर्थिक सर्वेक्षण मुख्य आर्थिक सलाहकार ने नहीं बल्कि प्रमुख आर्थिक सलाहकार और अन्य अधिकारियों द्वारा तैयार किया गया है. इसकी वजह यह है कि कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम का कार्यकाल दिसंबर में समाप्त होने के बाद से यह पद खाली था. हिंदुस्तान टाइम्स में उक्त जानकारी प्रकाशित हुई है.

आर्थिक सर्वेक्षण के बारे में कुछ खास बातें

1. आर्थिक सर्वेक्षण एक बहुत ही खास दस्तावेज है, जिसमें देश की आर्थिक स्थिति से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां होती हैं. आर्थिक सर्वेक्षण https://www.indiabudget.gov.in/ पर उपलब्ध होता है और यहां से पिछले साल के आर्थिक सर्वेक्षण को भी खरीदा जा सकता है.

2. आर्थिक सर्वेक्षण की हमेशा एक थीम होती है. पिछले साल का थीम जीवन और आजीविका बचाना था. 2017-18 में आर्थिक सर्वेक्षण का थीम गुलाबी था क्योंकि विषय महिला सशक्तीकरण से जुड़ा था.

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पहला आर्थिक सर्वेक्षण वर्ष 1950-51 में प्रस्तुत किया गया था

3. पहला आर्थिक सर्वेक्षण वर्ष 1950-51 में प्रस्तुत किया गया था. 1964 से केंद्रीय बजट शुरू होने से एक दिन पहले सर्वेक्षण जारी करने की परंपरा शुरू हुई.

4. सरकार के लिए आर्थिक सर्वेक्षण प्रस्तुत करना अनिवार्य नहीं है और ना ही प्रस्तुत सिफारिशें मानने के लिए सरकार बाध्य है.

5. 2019-20 में, के सुब्रमण्यम की Thalinomics एक अवधारणा जिसे उन्होंने अपने सर्वेक्षण में पेश किया. Thalinomics यह मापने का प्रयास करता है कि एक आम व्यक्ति पूरे भारत में एक थाली के लिए कितना खर्च करता है.

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