AIIMS Server Down: दिल्ली एम्स का सर्वर हैक! अधिकारी जता रहे है रैंसमवेयर हमले की आशंका

बयान में कहा गया है कि डिजिटल सेवाओं को बहाल करने के उपाय किए जा रहे हैं और सीईआरटी-इन और राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र से समर्थन मांगा जा रहा है. रैंसमवेयर एक दुर्भावनापूर्ण सॉफ्टवेयर है जिसे किसी उपयोगकर्ता या संगठन को उनके कंप्यूटर पर फाइलों तक पहुंच से वंचित करने के लिए डिजाइन किया गया है.

By Aditya kumar | November 24, 2022 8:46 AM

AIIMS Server Down: एम्स दिल्ली पर साइबर अटैक की खबर सामने आ रही है. बताया जा रहा है कि दिल्ली एम्स का सर्वर बुधवार सुबह सात बजे से डाउन चल रहा है. ऐसे में यहां के सारे ऑनलाइन काम ठप पड़े हुए है. मिली जानकारी के अनुसार यहां पर अभी मैनुअल मोड में काम किया जा रहा है. अस्पताल ने कहा है कि दिल्ली का प्रमुख अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान रैंसमवेयर हमले का शिकार हो सकता है. शाम को अस्पताल की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि सिस्टम को बहाल करने के लिए काम कर रहे राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र ने सूचित किया है कि यह एक रैनसमवेयर हमला हो सकता है जिसकी जांच उपयुक्त अधिकारी करेंगे.

डिजिटल सेवाओं को बहाल करने के किए जा रहे हैं उपाय

बयान में कहा गया है कि डिजिटल सेवाओं को बहाल करने के उपाय किए जा रहे हैं और भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया टीम (सीईआरटी-इन) और राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र से समर्थन मांगा जा रहा है. जानकारी हो कि रैंसमवेयर एक दुर्भावनापूर्ण सॉफ्टवेयर है जिसे किसी उपयोगकर्ता या संगठन को उनके कंप्यूटर पर फाइलों तक पहुंच से वंचित करने के लिए डिजाइन किया गया है. ज्यादातर मामलों में साइबर हमलावर फाइलों तक पहुंच की अनुमति देने के लिए फिरौती की मांग करते हैं.

हर साल 1.5 मिलियन बाह्य रोगियों और 80,000 आंतरिक रोगियों की सेवा करता है अस्पताल

शहर का सबसे बड़ा रेफरल अस्पताल, जो हर साल 1.5 मिलियन बाह्य रोगियों और 80,000 आंतरिक रोगियों की सेवा करता है, सुबह से ही मैन्युअल रूप से काम कर रहा है, जिससे हर विभाग में लंबी कतारें लगी रहती हैं. सबसे ज्यादा मार रजिस्ट्रेशन सेक्शन पर पड़ी, जहां रजिस्ट्रेशन कराने के लिए सुबह से ही सैकड़ों लोगों की कतार लग गई. इसके अलावा, स्मार्ट लैब, रिपोर्ट जनरेशन, बिलिंग और अपॉइंटमेंट सिस्टम भी प्रभावित हुए.

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1956 में हुई थी एम्स दिल्ली की स्थापना

अस्पताल ने अपने एक अन्य बयान में कहा है कि एम्स और एनआईसी भविष्य में इस तरह के हमलों को रोकने के लिए सावधानी बरतेंगे. जानकारी हो कि एम्स अस्पताल की स्थापना नई दिल्ली में 1956 में भारत में स्वास्थ्य सेवा प्रणाली के सभी पहलुओं में उत्कृष्टता के विकास के लिए एक केंद्र के रूप में कार्य करने के लिए राष्ट्रीय महत्व के संस्थान के रूप में की गई थी. 1978 में एक छोटे रूप में कंप्यूटर की सुविधा शुरू की गई थी.

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