Defense: ऑपरेशन सिंदूर से सीख लेकर भावी रणनीति बनाने की है जरूरत

रूस-यूक्रेन संघर्ष, इजराइल–हमास युद्ध, बालाकोट हवाई हमले और ऑपरेशन सिंदूर यह दर्शाता है कि मौजूदा समय वायु सेना एक निर्णायक शक्ति है. वायु शक्ति केवल एक सामरिक संपत्ति नहीं, बल्कि एक प्रभावी रणनीतिक उपकरण है. वायु सेना किसी भी नेतृत्व को शत्रु के समक्ष यह स्पष्ट रणनीतिक संदेश देने की ताकत रखती है और राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने के लिए अहम है.

By Anjani Kumar Singh | December 18, 2025 7:02 PM

Defense: पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिये सख्त जवाब देने का काम किया है. कई मायनों में ऑपरेशन सिंदूर सफल सैन्य कार्रवाई का एक अहम मिसाल बन गया. भारतीय सेना ने इस दौरान प्रभावशाली और कम समय में निर्णायक कार्रवाई करने की क्षमता का शानदार प्रदर्शन किया. वायु सेना ने एक सफल ऑपरेशन चलाकर पाकिस्तान की हवाई क्षमता को एक झटके में घुटने के बल पर ला दिया.


 गुरुवार को वायु सेना के कमांडरों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान वायु सेना ने तकनीकी रूप से उन्नत, परिचालन में चुस्त, रणनीतिक दृष्टि से आत्मविश्वासी और भविष्योन्मुखी सैन्य बल के तौर पर खुद को स्थापित करने का काम किया. बदलते वैश्विक परिवेश में राष्ट्रीय हितों की प्रभावी रक्षा का काम वायु सेना कर रही है. उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान आतंकी शिविरों को नष्ट करने में भारतीय वायु सेना द्वारा प्रदर्शित साहस, गति एवं सटीकता की सराहना करते हुए कहा कि हमले में वायु सेना की कार्रवाई ने पाकिस्तान की गैर-जिम्मेदाराना प्रतिक्रिया का प्रभावी ढंग से जवाब दिया. 


रक्षा मंत्री ने कहा कि आमतौर पर जब दुश्मन हमला करता है तो लोग सुरक्षित स्थानों की ओर रुख करते हैं, लेकिन जब पाकिस्तानी सेना ने भारतीय ठिकानों को निशाना बनाने का प्रयास किया तो देश के नागरिकों में भय का माहौल नहीं था. यह दिखाता है कि देश के लोगों का भरोसा भारतीय सेना पर कितना अधिक है. निर्णायक बढ़त बनाए रखने के लिए शत्रु की आक्रामक और रक्षात्मक क्षमताओं की गहन समझ के महत्व पर बल देते हुए उन्होंने कमांडरों से ऑपरेशन सिंदूर से सबक लेकर भविष्य की चुनौती से निपटने के लिए सतर्क और सदैव तैयार रहने का आग्रह किया.

मौजूदा स्थिति में वायु सेना का सशक्त होना जरूरी


राजनाथ सिंह ने युद्ध के बदलते स्वरूप पर जोर देते हुए कहा कि रूस-यूक्रेन संघर्ष, इजराइल–हमास युद्ध, बालाकोट हवाई हमले और ऑपरेशन सिंदूर यह दर्शाता है कि मौजूदा समय वायु सेना एक निर्णायक शक्ति है. वायु शक्ति केवल एक सामरिक संपत्ति नहीं, बल्कि एक प्रभावी रणनीतिक उपकरण है. सशक्त वायुसेना हमला करने की क्षमता को प्रभावित करती है. वायु सेना किसी भी नेतृत्व को शत्रु के समक्ष यह स्पष्ट रणनीतिक संदेश देने की ताकत रखती है और राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने के लिए अहम है.

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत की वायु रक्षा प्रणालियों तथा अन्य सैन्य उपकरणों के प्रभावी प्रदर्शन किया और दुनिया को यह संदेश दिया कि रक्षा क्षेत्र में देश आत्मनिर्भर बनने की राह पर है और भारतीय रक्षा उपकरण की गुणवत्ता किसी देश से कम नहीं है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश की सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ करने का काम किया जा रहा है. 21वीं सदी का युद्ध केवल हथियारों तक सीमित नहीं है. यह विचारों, प्रौद्योगिकी और क्षमता पर आधारित है. साइबर युद्ध, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, मानवरहित हवाई वाहन, उपग्रह-आधारित निगरानी और अंतरिक्ष-आधारित क्षमताएं युद्ध तरीके को बदल रही है. सटीक व निर्देशित हथियार, वास्तविक समय की खुफिया जानकारी और डेटा-आधारित निर्णय-निर्माण अब वैकल्पिक नहीं, बल्कि आधुनिक संघर्षों में सफलता के लिए जरूरी हो गए हैं. 

प्रधानमंत्री द्वारा स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर घोषित ‘सुदर्शन चक्र’ भविष्य में राष्ट्रीय परिसंपत्तियों की सुरक्षा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. स्वदेशी जेट इंजनों का विकास अब एक राष्ट्रीय मिशन का स्वरूप ले चुका है. सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण को गति देने के लिए निजी क्षेत्र के साथ सक्रिय सहयोग कर रही है. सम्मेलन में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान और भारतीय वायु सेना के वरिष्ठ कमांडरों ने शिरकत की.