Cyber Crime: साइबर अपराध से निपटने के लिए केंद्र और राज्य मिलकर कर रहे हैं काम
मेवात, जामताड़ा, अहमदाबाद, हैदराबाद, चंडीगढ़, विशाखापट्टनम और गुवाहाटी में सात ज्वाइंट साइबर कोऑर्डिनेशन टीम बनायी गयी है इसका मकसद साइबर अपराध के हॉटस्पॉट पर कड़ी निगरानी रखना है. केंद्र सरकार ने राज्यों से आई 4 सी की तर्ज पर स्टेट साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर का गठन करने की सिफारिश की और अभी तक सिर्फ बिहार, छत्तीसगढ़, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, केरल, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में यह केंद्र बना है.
Cyber Crime: देश में ऑनलाइन लेनदेन और इंटरनेट के बढ़ते उपयोग के साथ ही साइबर अपराध के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं. वैसे तो पुलिस और सामान्य प्रशासन राज्य का विषय है. ऐसे में राज्य और केंद्र शासित प्रदेश ही अपराध रोकने, जांच करने और सजा दिलाने के लिए जिम्मेदार है. साइबर अपराध से निपटने का जिम्मा भी राज्यों का है. साइबर अपराध के बढ़ते मामलों से निपटने के लिए राज्य सरकार साइबर पुलिस स्टेशन का गठन कर रही है. इसके लिए केंद्र सरकार की ओर से विभिन्न मद में राज्यों को वित्तीय सहायता मुहैया कराने का काम किया जाता है.
द ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट देश में साइबर सेल और साइबर पुलिस स्टेशन संबंधी डेटा तैयार करता है. साइबर अपराध से समन्वित और व्यापक तरीके से निपटने के लिए केंद्र सरकार की ओर से कई कदम उठाए गए हैं. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने साइबर अपराध से निपटने के लिए इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर(आई 4 सी) का गठन किया है. यही संस्था देश में सभी तरह के साइबर अपराध से निपटने के लिए विभिन्न एजेंसियों को मदद करती है.
इसके अलावा आम लोगों के लिए साइबर संबंधी अपराध की शिकायत करने के लिए नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल लांच किया. जिसमें महिलाओं और बच्चों के खिलाफ साइबर अपराध के मामले की शिकायत को प्राथमिकता देने का प्रावधान है. इस पोर्टल पर साइबर अपराध से जुड़ी शिकायत के आधार पर एफआईआर दर्ज होती है और संबंधित राज्य सरकार इस मामले में कार्रवाई करते हैं.
वित्तीय अपराध से निपटने पर भी है फोकस
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री बंडी संजय कुमार ने बताया कि आई 4 सी के तहत वित्तीय फ्रॉड रोकने के लिए सिटीजन फाइनेंशियल साइबर फ्रॉड रिपोर्टिंग एंड मैनेजमेंट सिस्टम का गठन किया गया है. इससे सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश जुड़े हैं ताकि आम लोगों को साइबर अपराधियों के चंगुल से बचाया जा सके. इस मामले से जुड़ी शिकायत दर्ज कराने के लिए टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर 1930 चलाया जा रहा है.
आई 4 सी में आधुनिक साइबर फ्रॉड मिटीगेशन सेंटर का गठन किया गया है, जिसमें देश के प्रमुख बैंक, वित्तीय संस्थान, टेलीकॉम सेवा प्रदाता, राज्यों के प्रतिनिधि शामिल हैं ताकि साइबर अपराध से जुड़ी शिकायतों पर तत्काल कार्रवाई की जा सके. इसके अलावा मेवात, जामताड़ा, अहमदाबाद, हैदराबाद, चंडीगढ़, विशाखापट्टनम और गुवाहाटी में सात ज्वाइंट साइबर कोऑर्डिनेशन टीम बनायी गयी है ताकि देश में साइबर अपराध के हॉटस्पॉट पर कड़ी निगरानी रखी जा सके.
केंद्र सरकार ने राज्यों से आई 4 सी की तर्ज पर स्टेट साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर का गठन करने की सिफारिश की है. अभी तक सिर्फ बिहार, छत्तीसगढ़, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, केरल, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में यह केंद्र बना है.
