Covid-19 In India: कोरोना ने फिर दी भारत में दस्तक, 257 नए मामले आए सामने
Covid-19 In India: भारत में COVID-19 संक्रमण की वर्तमान स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन वैश्विक स्तर पर नए वैरिएंट JN.1 के बढ़ते मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य विशेषज्ञ सतर्कता बरतने की सलाह दे रहे हैं. 19 मई, 2025 तक देश में कुल 257 सक्रिय मामले सामने आए हैं, जिनमें अधिकांश मरीजों में हल्के लक्षण हैं और अस्पताल में भर्ती की जरूरत नहीं पड़ी है.
Covid-19 In India: भारत में COVID-19 संक्रमण की स्थिति इस समय नियंत्रण में है. लेकिन विशेषज्ञों ने आने वाले समय में मामलों में संभावित वृद्धि को लेकर सतर्कता बरतने की सलाह दी है. 19 मई 2025 तक देश में सक्रिय मामलों की संख्या 257 है. इनमें से अधिकांश मरीज हल्के लक्षणों से पीड़ित हैं और उन्हें अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं पड़ी है.
स्वास्थ्य मंत्रालय की समीक्षा बैठक
कोरोना की स्थिति को लेकर राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC), आपातकालीन चिकित्सा राहत (EMR), आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ, ICM और केंद्र सरकार के अस्पतालों के विशेषज्ञों की एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित की गई. यह बैठक स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक (DGHS) की अध्यक्षता में हुई. बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि देश में फिलहाल स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है, लेकिन नज़र रखने और पूर्व तैयारी की आवश्यकता बनी हुई है.
नया COVID वैरिएंट JN.1
COVID-19 के मामलों में हालिया उछाल JN.1 वैरिएंट और उसके उपवंशों जैसे LF.7 और NB.1.8 के कारण देखा जा रहा है. यह वैरिएंट ओमिक्रॉन BA.2.86 का वंशज है. JN.1 को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO)ने दिसंबर 2023 में वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट घोषित किया था. इसमें लगभग 30 म्यूटेशन पाए गए हैं, जिससे इसकी संक्रमण क्षमता अधिक मानी जा रही है.
दक्षिण-पूर्व एशिया में उछाल, भारत के लिए चेतावनी
दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों जैसे सिंगापुर, हांगकांग और थाईलैंड में मई की शुरुआत से COVID मामलों में तेज़ वृद्धि देखी गई है. सिंगापुर में एक ही हफ्ते में 14,000 से अधिक नए मामले सामने आए. हांगकांग और थाईलैंड में भी तेजी से संक्रमण फैला है.
क्या भारत में भी बढ़ सकते हैं मामले?
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत में भी तमिलनाडु, केरल और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में कोरोना मामलों में मामूली उछाल देखा जा रहा है. हालांकि यह उछाल चिंताजनक स्तर तक नहीं पहुंचा है, लेकिन विशेषज्ञ एहतियात बरतने, टीकाकरण की निगरानी और जांच क्षमता बनाए रखने पर जोर दे रहे हैं..
