देश में लॉकडाउन से कोरोना संक्रमण के 83 फीसद मामलों की आ सकती है कमी : अध्ययन रिपोर्ट

कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे की वजह से पूरा देश बंद है. कोशिश है कि इस वायरस को फैलने से रोका जा सके. अब देश में लॉकडाउन पर एक रिपोर्ट सामने आयी है इस अध्ययन में पता चला है कि इससे देश को फायदा होगा और कोरोना को फैलने से रोका जा सकेगा.

By PankajKumar Pathak | April 2, 2020 3:58 PM

नयी दिल्ली : कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे की वजह से पूरा देश बंद है. कोशिश है कि इस वायरस को फैलने से रोका जा सके. अब देश में लॉकडाउन पर एक रिपोर्ट सामने आयी है इस अध्ययन में पता चला है कि इससे देश को फायदा होगा और कोरोना को फैलने से रोका जा सकेगा.

वैज्ञानिकों का मानना है कि देश में 21 दिन के लॉकडाउन की वजह से कोरोना वायरस के संभावित मामलों में बंद के 20वें दिन तक 83 फीसदी कमी लाने में मदद मिल सकती है.

उत्तर प्रदेश के शिव नादर विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं के अध्ययन ने इस बंद को लेकर उम्मीद की किरण जगाई है क्योंकि लक्षण दिखने वाले लोगों को इस वजह से एक या दो दिन में ही अलग किया जा रहा है . अध्ययन में यह बात भी कही गयी है कि अगर बंद के रूप में हस्तक्षेप नहीं किया जाता तो संक्रमित लोगों की अनुमानित संख्या 2,70,360 तक पहुंच जाती और 5,407 लोगों की मौत हो जाती.

शिव नादर विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर समित भट्टाचार्य ने कहा, ‘’हम यह भी मानते हैं कि इससे 80 से 90 फीसदी लोग सामुदायिक दूरी में रह रहे हैं.” भट्टाचार्य ने कहा कि इस तरह की आशावादी स्थिति में हमने अनुमान लगाया है कि लॉकडाउन के पहले दिन से लेकर 20वें दिन तक में लक्षण दिखने वाले 83 फीसदी मामले कम हो सकते हैं. यानी इस तरह से संभावित 30,790 में से 3,500 लोग ही संक्रमित होंगे और 619 संभावित मौतों में से 105 ही मौत होंगी.

स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देश में बृहस्पतिवार को कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 1,965 तक पहुंच गई है जबकि मरने वालों की संख्या 50 है. अनुसंधानकर्ताओं का मानना है कि देश में बंद की वजह से संक्रमण का एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में संचार होने की गति धीमी होगी और संक्रमण के मामले कम होंगे.

विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर नागा सुरेश विरापु ने कहा, ‘’हमारा अनुमान इस ओर इशारा करता है कि भारत में अगले 10 से 20 दिन में क्रमश:5,000 से 30,790 तक लक्षण वाले मामले हो सकते हैं.”उन्होंने कहा, ‘’ अगर बंद के रूप में हस्तक्षेप नहीं किया जाता तो अनुमानित संख्या 2,70,360 तक पहुंच जाती और 5,407 लोगों की मौत होती

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