सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट की वजह से दिल्ली की इन प्रमुख सड़कों पर बढ़ेगा ट्रैफिक, रिपोर्ट में सामने आई ये बात

Central Vista Project कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई के बीच सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को लेकर कई तरह की चर्चा जोर पकड़ रही है. मोदी सरकार के इस ड्रीम प्रोजेक्ट को पूरा करने में बीस हजार करोड़ रुपये से अधिक की लागत का अनुमान है. इस प्रोजेक्ट में सभी मंत्रालयों के लिए एक नया केंद्रीय सचिवालय, एक नया संसद भवन, नॉर्थ ब्लॉक और साउथ ब्लॉक को संग्रहालयों में परिवर्तित करने की योजना है. साथ ही प्रधानमंत्री और उपराष्ट्रपति के लिए निवास और कार्यालय भी बनाया जाएगा. इन सबके बीच, एक रिपोर्ट में सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट की वजह से सेंट्रल दिल्ली की प्रमुख सड़कों पर ट्रैफिक का दबाव बढ़ने की बात कही गयी है. इसके मद्देनजर सेंट्रल दिल्ली की सड़कों को विस्तार करने की जरूरत पर बल दिया गया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 30, 2021 6:31 PM

Central Vista Project कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई के बीच सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को लेकर कई तरह की चर्चा जोर पकड़ रही है. मोदी सरकार के इस ड्रीम प्रोजेक्ट को पूरा करने में बीस हजार करोड़ रुपये से अधिक की लागत का अनुमान है. इस प्रोजेक्ट में सभी मंत्रालयों के लिए एक नया केंद्रीय सचिवालय, एक नया संसद भवन, नॉर्थ ब्लॉक और साउथ ब्लॉक को संग्रहालयों में परिवर्तित करने की योजना है. साथ ही प्रधानमंत्री और उपराष्ट्रपति के लिए निवास और कार्यालय भी बनाया जाएगा. इन सबके बीच, एक रिपोर्ट में सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट की वजह से सेंट्रल दिल्ली की प्रमुख सड़कों पर ट्रैफिक का दबाव बढ़ने की बात कही गयी है. इसके मद्देनजर सेंट्रल दिल्ली की सड़कों को विस्तार करने की जरूरत पर बल दिया गया है.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स लिमिटेड द्वारा तैयार की गई ट्रैफिक इम्पैक्ट असेसमेंट रिपोर्ट में इसको लेकर खुलासा हुआ है. रिपोर्ट के मुताबिक, सेंट्रल विस्टा रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट के तहत सेंट्रल दिल्ली के प्रमुख सड़कों की सूरत बदल जाएगी. साल 2024 में पूरा होने वाले प्रोजेक्ट की वजह से सेंट्रल दिल्ली की प्रमुख सड़कों पर ट्रैफिक बढ़ेगा. इस कारण यहां की सड़कों को फिर से डिजाइन व अपग्रेड करना होगा. टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स लिमिटेड द्वारा तैयार की गई ट्रैफिक इम्पैक्ट असेसमेंट रिपोर्ट प्रोजेक्ट के लिए पर्यावरण प्रभाव मूल्यांकन का हिस्सा है.

मालूम हो कि सेंट्रल विस्टा नई दिल्ली स्थित राजपथ के दोनों तरफ के इलाके को कहते हैं. राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट के करीब प्रिंसेस पार्क का इलाका इसके अंतर्गत आता है. सेंट्रल विस्टा के तहत राष्ट्रपति भवन, संसद, नॉर्थ ब्लॉक, साउथ ब्लॉक, उपराष्ट्रपति का आवास आता है. इसके अलावा नेशनल म्यूजियम, नेशनल आर्काइव्ज, इंदिरा गांधी नेशनल सेंटर फॉर आर्ट्स, उद्योग भवन, बीकानेर हाउस, हैदराबाद हाउस, निर्माण भवन और जवाहर भवन भी सेंट्रल विस्टा का ही हिस्सा हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि इस परियोजना से डॉ. राजेंद्र प्रसाद रोड, मौलाना आजाद रोड, अशोका रोड और शेरशाह रोड पर आने वाले वर्षों में काफी ट्रैफिक बढ़ेगा.

रिपोर्ट में अशोक रोड और शेरशाह रोड को आठ लेन में अपग्रेड करने का प्रस्ताव भी दिया गया है. वहीं, अकबर रोड, रफी मार्ग और जनपथ को छह लेन में बदलने की बात कही गयी है. इसके अलावा बढ़े हुए ट्रैफिक के मद्देनजर डॉ राजेंद्र प्रसाद रोड को फोर लेन करने की बात कही गयी है. इन सड़कों को साल 2026 से 2039 तक अपग्रेड करने की आवश्यकता बताई गई है. रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि अंतत: सड़क नेटवर्क पर कुल ट्रैफिक कम हो जाएगा. ऐसा माना जा रहा है कि सेंट्रल विस्टा का काम नवंबर 2021 तक और नए संसद भवन का काम मार्च 2022 तक पूरा कर लिया जाएगा.

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