उम्रदराज लोगों के लिए खतरनाक साबित हो रहा है कोविड का ब्रेक थ्रू इंफेक्शन, सीडीसी के सर्वे का खुलासा

रिपोर्ट के अनुसार 30 अगस्त तक सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के सामने 12,908 मामले ब्रेक थ्रू इंफेक्शन के आये, जिन्हें या तो अस्पताल में भरती करना पड़ा या फिर उनकी मृत्यु हो गयी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 9, 2021 4:05 PM

सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन ने अपने एक अध्ययन में बताया है कि वैसे व्यक्ति जो कोविड का दोनों वैक्सीन लेने के बाद भी ब्रेक थ्रू इंफेक्शन के शिकार होते हैं, वे अगर उम्रदराज हैं तो उनपर खतरा बहुत ज्यादा है.

सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार 30 अगस्त तक सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के सामने 12,908 मामले ब्रेक थ्रू इंफेक्शन के आये, जिन्हें या तो अस्पताल में भरती करना पड़ा या फिर उनकी मृत्यु हो गयी. आंकड़ों के अनुसार 70 प्रतिशत लोग जो अस्पताल में भरती हुए वे 65 वर्ष से अधिक के थे. साथ ही ब्रेकथ्रू इंफेक्शन के बाद मरने वाले 87 प्रतिशत लोग भी 65 वर्ष से अधिक के हैं.

सीडीसी का यह डाटा प्री प्रिंट है इसलिए इसमें कुछ बदलाव की संभावना है. लेकिन कई अन्य अध्ययन भी इसी तरह के रुझान के संकेत दे रहे हैं. सीडीसी द्वारा संचालित इस शोध अध्ययन के लिए 4,700 अस्पातलों का सर्वे किया गया. जनवरी 24 से जुलाई 24 तक के आंकड़ों को इसमें शामिल किया गया.

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कोरोना थर्ड वेब के अलर्ट के बीच लगातार ऐसे अध्ययन सामने आ रहे हैं, जिसमें आंकड़ों के आधार पर यह विश्लेषण किया जा रहा है कि कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बाद किस आयु वर्ग के लोगों पर खतरा ज्यादा है और सबसे बड़ी बात कि कोविड वैक्सीन कोरोना वायरस पर कितना कारगर है.

क्या है ब्रेक थ्रू इंफेक्शन

ब्रेक थ्रू इंफेक्शन उसे कहते हैं जिसमें व्यक्ति को कोविड वैक्सीन का दोनों डोज देने के बाद भी संक्रमण हो जाता है और कई बार अस्पताल में भरती करने की नौबत भी आ जाती है. हालांकि अभी तक भारत में ब्रेक थ्रू इंफेक्शन बहुत खतरनाक साबित नहीं हुआ है.

Posted By : Rajneesh Anand

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