कृषि कानूनों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचा भारतीय किसान यूनियन, कहा- नये कानूनों से कॉर्पोरेट लालच के शिकार होंगे किसान

नयी दिल्ली : नये कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन अब भी जारी है. केंद्र सरकार ने किसानों से बातचीत कर समस्या का हल निकालने की बात कही है. साथ ही 20 पन्नों का प्रस्ताव भी भेजा है. वहीं, आंदोलनकारी संगठनों में शामिल भारतीय किसान यूनियन ने अदालत का दरवाजा खटखटाया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 11, 2020 6:07 PM

नयी दिल्ली : नये कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन अब भी जारी है. केंद्र सरकार ने किसानों से बातचीत कर समस्या का हल निकालने की बात कही है. साथ ही 20 पन्नों का प्रस्ताव भी भेजा है. वहीं, आंदोलनकारी संगठनों में शामिल भारतीय किसान यूनियन ने अदालत का दरवाजा खटखटाया है.

न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) ने संसद में पारित तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. किसान संगठन ने दावा किया है कि नये कृषि कानून से किसान कॉर्पोरेट लालच के शिकार होंगे.

बीकेयू की ओर से दायर की गयी याचिका में कहा गया है कि नये कृषि कानूनों के मामले में दायर की गयी पहले की याचिकाओं को सुना जाये. साथ ही आरोप लगाया गया है कि बिना चर्चा किये इसे पास किया गया है.

मालूम हो कि कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शुक्रवार को कहा कि आंदोलन से आम लोगों को भी परेशानी होती है. दिल्ली के लोग परेशानियों का सामना कर रहे हैं. इसलिए, किसानों को आम लोगों के हित में आंदोलन को समाप्त कर वार्ता की मदद से मुद्दों को हल करने का प्रयास करना चाहिए.

इधर, दिल्ली-हरियाणा सीमा स्थित सिंघू बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों के बीच कोरोना वायरस के संक्रमण के फैलने आशंका के मद्देनजर शुक्रवार को कोरोना जांच के लिए मोबाइल वैन भेजा गया है.

कोरोना की जांच के लिए गये मोबाइल वैन कर्मी ने बताया है कि, हमारा प्रतिदिन 200 लोगों का परीक्षण करने का लक्ष्य है. अभी तक 23 परीक्षण किये गये हैं. जांच किये गये सभी लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आयी है. साथ ही बताया कि जांच के लिए दोनों परीक्षण एंटीजन और आरटी-पीसीआर संचालित किये जा रहे हैं.

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