‘अजान’ की तुलना ‘आरती’ से करने पर बवाल, भाजपा-शिवसेना आमने-सामने, जानें क्या है पूरा मामला

comparing 'Azaan' with 'Aarti', Dispute between BJP-Shiv Sena, what is the whole matter, Sanjay Raut, Devendra Fadnavis, Bala Sahab Thackeray, Hindutva ‘अजान' की तुलना ‘आरती' से करने के मामले को लेकर राजनीति तेज हो गयी है. इस मामले को लेकर भाजपा और शिवसेना आमने-सामने हो गयी हैं. आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो चुकी है. भाजपा के इस मामले को लेकर शिवसेना पर हमला करते हुए आरोप लगाया है कि उसने सत्ता की लालच में हिंदुत्व को तिलांजलि दे दिया. वहीं दूसरी ओर शिवसेना नेता और सांसद संजय राउत भाजपा पर पलटवार किया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 2, 2020 12:16 PM

‘Azaan’ with ‘Aarti’ Uproar over comparing : ‘अजान’ की तुलना ‘आरती’ से करने के मामले को लेकर राजनीति तेज हो गयी है. इस मामले को लेकर भाजपा और शिवसेना आमने-सामने (Dispute between BJP-Shiv Sena) हो गयी हैं. आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो चुकी है. भाजपा के इस मामले को लेकर शिवसेना पर हमला करते हुए आरोप लगाया है कि उसने सत्ता की लालच में हिंदुत्व को तिलांजलि दे दिया. वहीं दूसरी ओर शिवसेना नेता और सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) भाजपा पर पलटवार किया है.

संजय राउत ने कहा, भाजपा के नेता ‘अजान’ को लेकर राजनीति कर रहे हैं. राउत ने कहा, शिवसेना को हिंदुत्व छोड़ने की बात कहने वालों को यह ‘तमाशा’ बंद करना चाहिए. उन्हें बेरोजगारी, जीडीपी आदि के बारे में बात करनी चाहिए.

फडणवीस ने शिवसेना पर लगाया हिंदुत्व को ‘नकारने’ का आरोप

अजान की तुलना आरती से करने और प्रतियोगिता के सुझाव के बीच भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने शिवसेना पर पार्टी के संस्थापक बाला साहब ठाकरे की हिंदुत्व की विचारधारा को ‘नकारने’ का आरोप लगाया और कहा कि शिवसेना ‘वोट बैंक की राजनीति’ कर रही है.

फडणवीस ने कहा, ‘यह हिंदू हृदय सम्राट बाला साहेब ठाकरे की शिवसेना नहीं है. वह इस मुद्दे पर हमेशा लड़े और शिवेसना बाला साहेब के ‘सामना’ (पार्टी का मुखपत्र) में लिखे उनके लेख एवं बयानों से बिल्कुल उलट कार्य कर रही है.

क्या है पूरा मामला

दरअसल शिवसेना के नेता पांडुरंग सकपल ने एक उर्दू समाचार वेबसाइट को दिए एक साक्षात्कार में अजान की तुलना आरती से कर दी थी. सकपल ने कहा था कि वह दक्षिणी मुंबई में एक मुस्लिम कब्रिस्तान के निकट रहते हैं और उन्हें ‘अजान’ सुनना अच्छा लगता है. सकपल ने कहा था कि भगवदगीता गायन की प्रतियोगिता होती है. मैंने अपने सहकर्मी शकील अहमद से बच्चों के लिए ‘अजान’ प्रतियोगिता का आयोजन करने के लिए कहा है. मैं महसूस करता हूं कि यह ‘आरती’ की तरह है.

Posted By – Arbind Kumar Mishra

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