Arvind Kejriwal: केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ीं, अंतरिम जमानत के खिलाफ ईडी ने सुप्रीम कोर्ट में दायर किया हलफनामा

Arvind Kejriwal: दिल्ली शराब घोटाला से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं.

By ArbindKumar Mishra | May 9, 2024 6:03 PM

Arvind Kejriwal: प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत का विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को एक हलफनामा दायर किया. ईडी ने कहा कि राजनेता एक सामान्य नागरिक से अधिक किसी विशेष दर्जे का दावा नहीं कर सकते हैं और अपराध करने पर उन्हें भी किसी अन्य नागरिक की तरह ही गिरफ्तार और हिरासत में लिया जा सकता है. ईडी ने कहा, चुनाव प्रचार का अधिकार न तो मौलिक है और न ही संवैधानिक. ईडी ने कहा कि ऐसा कोई सिद्धांत नहीं है जो किसी किसान या अपना व्यवसाय आगे बढ़ाने की इच्छा रखने वाले व्यवसायी के मुकाबले प्रचार करने वाले राजनेता के साथ अलग व्यवहार करने को उचित ठहराता हो. ईडी ने अपने हलफनामे में कहा है कि केवल राजनीतिक प्रचार के लिए अंतरिम जमानत देना समानता के नियम के खिलाफ होगा और भेदभावपूर्ण होगा, क्योंकि प्रत्येक नागरिक का काम/व्यवसाय/पेशा या गतिविधि उसके लिए समान रूप से महत्वपूर्ण है. सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को ईडी की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने लोकसभा चुनाव के कारण अरविंद केजरीवाल के प्रति किसी भी तरह की नरमी दिखाने का कड़ा विरोध किया था और कहा था कि आप के राष्ट्रीय संयोजक को अंतरिम जमानत देना राजनेताओं के लिए एक अलग वर्ग बनाने जैसा होगा.

अंतरिम जमानत पर 10 मई को आदेश पारित करेगा सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में गिरफ्तार दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत को लेकर 10 मई को अपना आदेश सुनाएगा. गिरफ्तारी के खिलाफ केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई कर रही पीठ की अध्यक्षता करने वाले न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने गुरुवार को कहा था, हम शुक्रवार को अंतरिम आदेश (अंतरिम जमानत पर) सुनाएंगे. गिरफ्तारी को चुनौती देने से जुड़े मुख्य मामले पर उस दिन सुनवाई भी होगी.

प्रवर्तन निदेशालय ने केजरीवाल को जमानत दिए जाने का पुरजोर विरोध किया

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने लोकसभा चुनावों के कारण अरविंद केजरीवाल के प्रति किसी भी तरह की नरमी दिखाने का कड़ा विरोध किया और कहा कि आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक को अंतरिम जमानत देना नेताओं के लिए एक अलग श्रेणी बनाने के समान होगा. ईडी की ओर से पेश वकील ने कहा था कि मौजूदा चुनावों के आधार पर केजरीवाल को जमानत देने से एक गलत मिसाल कायम होगी और अन्य लोग भी इसी तरह की छूट का अनुरोध करेंगे.

जमानत मिलने पर भी मुख्यमंत्री का काम नहीं कर पाएंगे केजरीवाल

सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए मंगलवार को ही साफ कर दिया था कि वह नहीं चाहता कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में अंतरिम जमानत पर रिहा किये जाने पर वह अपने आधिकारिक कर्तव्यों का निर्वहन करें, क्योंकि इससे हितों का टकराव होगा. जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने केजरीवाल की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी से कहा था, मान लीजिए कि हम आपको चुनाव के कारण अंतरिम जमानत देते हैं. फिर यदि आप कहते हैं कि आप अपने आधिकारिक कर्तव्यों का निवर्हन करेंगे, तो इसका व्यापक प्रभाव हो सकता है. इसपर सिंघवी ने कहा था कि केजरीवाल आबकारी नीति से जुड़ी फाइल पर कोई भी कार्रवाई नहीं करेंगे. हालांकि, बाद में उन्होंने कहा था कि अंतरिम जमानत पर रिहा होने पर केजरीवाल किसी भी आधिकारिक फाइल पर हस्ताक्षर नहीं करेंगे, बशर्ते कि दिल्ली के उपराज्यपाल सिर्फ इसलिए फैसलों को खारिज न कर दें, क्योंकि फाइल पर उनके हस्ताक्षर नहीं हैं.

Also Read: आईपीएल लाइव मैच में अरविंद केजरीवाल के समर्थन में लगे नारे, अरुण जेटली स्टेडियम का ऐसा था नजारा

Next Article

Exit mobile version