‘अरविंद केजरीवाल बाहर से भी काम करते थे और अंदर से भी कर रहे हैं’, ‘एलजी’ के बयान के बाद ‘आप’ की प्रतिक्रिया

एक्साइज पॉलिसी मामले में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ईडी की कस्टडी में हैं. इस बीच जेल से सरकार चलाने के 'आप' नेताओं के बयान पर एलजी की प्रतिक्रिया आई है. जानें पूरा मामला

By Amitabh Kumar | March 28, 2024 1:45 PM

दिल्ली एक्साइज पॉलिसी मामले में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी जांच एजेंसी ईडी के द्वारा की गई है. इस गिरफ्तारी के बाद से केजरीवाल हिरासत से ही अपने मंत्रियों को निर्देश दे रहे हैं. इस बीच सवाल उठ रहा है कि क्या उन्हें उनके पद से हटाया जा सकता है ? या क्या उनका इस्तीफा हो सकता है ? इन सब सवालों के बीच दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना की ओर से कहा गया है कि दिल्ली की जनता को भरोसा दिलाना चाहता हूं कि सरकार जेल से नहीं चलेगी.

इधर, दिल्ली सरकार में मंत्री गोपाल राय ने मामले पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि देश के अंदर चुने हुए मुख्यमंत्री को केवल आरोपों के आधार पर इस्तीफा देने का प्रावधान नहीं है. सीएम बाहर थे तो बाहर से काम कर रहे थे, अभी अंदर हैं तो अंदर से काम करने से वे पीछे नहीं हट रहे हैं. अरविंद केजरीवाल लगातार जनता की सेवा में लगे हुए हैं. आगे उन्होंने कहा कि अब नई परिस्थितियों में अब नई तरह की संभावनाएं बंधती नजर आ रहीं हैं.

क्या कहा है दिल्ली के एलजी ने

दिल्ली के एलजी वी. के. सक्सेना ने कहा है कि सरकार जेल से नहीं चलाई जाएगी. आपको बता दें कि आम आदमी पार्टी (आप) के नेताओं की ओर से कहा जा चुका है कि अरविंद केजरीवाल जेल में रहने के बाद भी मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा नहीं देंगे. पार्टी की इस टिप्पणी के बाद एलजी का बयान सामने आया. उल्लेखनीय है कि ‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल को ईडी ने एक्साइज पॉलिसी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में 21 मार्च को गिरफ्तार किया था. वह 28 मार्च तक यानी गुरुवार तक एजेंसी की हिरासत में हैं.

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केजरीवाल ने अबतक दिए दो निर्देश

  • आम आदमी पार्टी (आप) नेता और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने पहला निर्देश जल मंत्री आतिशी दिया था और शहर के कुछ इलाकों में पानी और सीवर संबंधी समस्याओं का समाधान करने को कहा था.
  • सीएम अरविंद केजरीवाल ने दूसरा आदेश स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज को दिया था और यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था कि सभी सरकारी अस्पतालों और मोहल्ला क्लीनिक में लोगों के लिए दवाएं और जांच व्यवस्था बाधित ना हो.

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