नाक में ही मारा जाएगा कोरोना वायरस? ब्रिटेन ने बनाया ऐंटिकोरोना नेजल स्प्रे

anticorona nasal spray, Corona virus killed in 48 hours, Britain made Corona vaccine, Corona virus killed in nose, nasal spray to kill coronavirus, coronavirus vaccine latest update देश और दुनिया में कोरोना वायरस का कहर कम होने का नाम नहीं ले रहा है. दुनिया भर में इस महामारी ने अब तक करोड़ों को अपनी चपेट ले लिया है. लाखों की संख्या में लोगों की मौत हुई है. हालांकि इस बीच अच्छी खबर है कि भारत, अमेरिका सहित कई देशों ने कोरोना वैक्सीन (coronavirus vaccine ) पर अच्छा काम कर लिया है और उनका रिजल्ट भी बेहतर आया है. ऐसी उम्मीद की जा रही है कि दिसंबर में या जनवरी तक कोरोना का वैक्सीन बनकर तैयार हो जाएगा.

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 23, 2020 5:53 PM

Corona virus killed in 48 hours देश और दुनिया में कोरोना वायरस का कहर कम होने का नाम नहीं ले रहा है. दुनिया भर में इस महामारी ने अब तक करोड़ों को अपनी चपेट ले लिया है. लाखों की संख्या में लोगों की मौत हुई है. हालांकि इस बीच अच्छी खबर है कि भारत, अमेरिका सहित कई देशों ने कोरोना वैक्सीन (coronavirus vaccine) पर अच्छा काम कर लिया है और उनका रिजल्ट भी बेहतर आया है. ऐसी उम्मीद की जा रही है कि दिसंबर में या जनवरी तक कोरोना का वैक्सीन बनकर तैयार हो जाएगा.

इस बीच ब्रिटेन ने कोरोना के खिलाफ जंग में एक बड़ी सफलता हासिल कर ली है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ब्रिटेन ने एक ऐसा नेजल स्प्रे बनाया है जिससे कोरोना का वायरस नाक में ही मारा जाएगा. स्प्रे कोरोना वायरस को शरीर में प्रवेश करने ही नहीं देगा.

कैसे काम करेगा नेजल स्प्रे

ब्रिटेन की बर्मिंघम यूनिवर्सिटी ने ऐंटिकोरोना नेचल स्प्रे तैयार किया है. वैज्ञानिकों का दावा है कि स्प्रे नाक के अंदर दवा की एक परत तैयार कर देगा. जिससे कोरोना वायरस को शरीर के कोशिकाओं के साथ चिपकने नहीं देगा. वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि कोरोना वायरस नाक में ही 48 घंटों के अंदर मारा जाएगा.

वैज्ञानिकों ने बताया, जैसे ही कोरोना का वायरस नाक अंदर प्रवेश करेगा. उसपर दवा की एक परत चढ़ जाएगी. जिससे वायरस कोशिकाओं के साथ नहीं चिपक पाएगा और छींक आने पर वायरस बाहर चला जाएगा.

वैज्ञानिकों ने बताया कि अगर वायरस कियी तरह शरीर के अंदर चला भी जाता है, तो वो लोगों में संक्रमण नहीं फैलाएगा. क्योंकि वायरस में दवा की एक परत चढ़ा हुआ रहेगा. दवा के कारण वायरस 48 घंटे के अंदर मारा जाएगा.

इधर ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा विकसित किये जा रहे कोविड-19 के टीके के तीसरे चरण का परीक्षण सफल रहा है. टीके को संक्रमण की रोकथाम में ‘प्रभावी’ पाया गया है. एस्ट्राजेनेका कंपनी की मदद से टीके का विकास किया जा रहा है. टीके का प्रभाव 70.4 प्रतिशत देखा गया. वहीं दो अलग-अलग खुराकों में इसका प्रभाव एक बार 90 प्रतिशत और दूसरी बार 62 प्रतिशत रहा.

Posted By – Arbind Kumar Mishra

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