Agriculture: देश में पर्याप्त मात्रा में बीज और उर्वरक की है उपलब्धता
देश का कुल खाद्यान्न उत्पादन वर्ष 2024-25 में 353.96 मिलियन टन तक पहुंच गया, जो पिछले वर्ष के मुकाबले 21.66 मिलियन टन (6.5 फीसदी) अधिक है. धान, गेहूं, मक्का, मूंगफली व सोयाबीन जैसी प्रमुख फसलों में रिकॉर्ड उत्पादन दर्ज किया और यह निर्धारित लक्ष्य 341.55 मिलियन टन से यह 12.41 मिलियन टन अधिक रहा.
Agriculture: सरकार कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है. इसका मकसद देश को अधिकांश कृषि उत्पादन के मामले में आत्मनिर्भर बनाना है. रबी अभियान वर्ष 2025-26 के लिए सरकार की ओर से 362.50 मिलियन टन उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया है, जबकि यह आंकड़ा पिछले साल 341.55 मिलियन टन था.
देश का कुल खाद्यान्न उत्पादन वर्ष 2024-25 में 353.96 मिलियन टन तक पहुंच गया, जो पिछले वर्ष के मुकाबले 21.66 मिलियन टन (6.5 फीसदी) अधिक है. धान, गेहूं, मक्का, मूंगफली व सोयाबीन जैसी प्रमुख फसलों में रिकॉर्ड उत्पादन दर्ज किया और यह निर्धारित लक्ष्य 341.55 मिलियन टन से यह 12.41 मिलियन टन अधिक रहा. रबी सम्मेलन एक राष्ट्र-एक कृषि-एक टीम के लक्ष्य को हासिल करने का सफल उदाहरण है. केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के कृषि मंत्रियों एवं वरिष्ठ कृषि अधिकारियों के इस सम्मेलन में गहन विचार-विमर्श कर लक्ष्य तय किया गया.
उन्होंने कहा कि पहले रबी सम्मेलन एक दिन का ही होता था, लेकिन इस बार और अधिक बारीकी से काम करने के उद्देश्य से सम्मेलन को दो दिवसीय किया गया. सम्मेलन के पहले दिन छह विषयों पर अलग-अलग समूहों में केंद्र और राज्यों के वरिष्ठ कृषि अधिकारियों ने विचार-विमर्श किया. अलग-अलग राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों का रोडमैप वहीं कार्यशाला करके तय किया जाएगा.
दलहन और तिलहन का उत्पादन बढ़ाना है सरकार का लक्ष्य
दो दिवसीय सम्मेलन में जलवायु सहनशीलता, गुणवत्तापूर्ण बीज-उर्वरक-कीटनाशक, बागवानी, प्राकृतिक खेती, प्रभावी प्रसार सेवाएं और कृषि विज्ञान केंद्रों की भूमिका, केंद्र प्रायोजित योजनाओं का समन्वय पर चर्चा की गयी. साथ ही दलहन-तिलहन की उत्पादकता बढ़ाने और एकीकृत कृषि प्रणाली को लेकर भी विस्तार से बातचीत हुई.
केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि खाद्यान्न उत्पादन के साथ देश में फल और सब्जियों के उत्पादन में भी पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष अच्छी बढ़ोतरी हुई है. बाढ़ प्रभावित राज्यों की स्थिति को लेकर भी चर्चा की और कहा कि सरकार की तरफ से पीड़ितों की मदद के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि बाढ़ के कारण कुछ राज्य विशेष रूप से प्रभावित हुए हैं जिसमें पंजाब, हिमाचल प्रदेश, जम्मू, उत्तराखंड, महाराष्ट्र, असम, आंशिक रूप से हरियाणा शामिल हैं. इन राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में मदद के लिए कोई कमी नहीं रखी जाएगी.
राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेश प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत कवर है, पूरी कोशिश है कि किसानों को बीमा राशि का उचित और त्वरित लाभ मिल सके. शिवराज सिंह ने कहा कि रबी फसल के लिए पर्याप्त मात्रा में बीज उपलब्ध है. बुवाई के लक्ष्य के तहत 229 लाख मीट्रिक टन बीज की आवश्यकता है, हमारे पास इससे भी अधिक मात्रा में 250 लाख मीट्रिक टन के करीब बीज उपलब्ध है. दलहन व तिलहन में उत्पादन बढ़ाने के लिए अभी और प्रयास की आवश्यकता है. इस दिशा में आगे रोडमैप बनाकर काम किया जाएगा.
