कोर्ट रूम में केजरीवाल मानहानि मामले में जेठमलानी v/s जेटली, वित्तमंत्री हुए भावुक
नयी दिल्ली : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मानहानि मुकदमे में सोमवार को दिल्ली हाइकोर्ट में वित्त मंत्री अरुण जेटली अपना पक्ष रखते हुए कई बार भावुक हुए. जेटली ने कहा कि मैंने अपने पूरे राजनीतिक जीवन में कभी भी राजनीतिक आलोचना को लेकर कुछ भी नहीं कहा. लेकिन, इस बार मुझे अदालत […]
नयी दिल्ली : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मानहानि मुकदमे में सोमवार को दिल्ली हाइकोर्ट में वित्त मंत्री अरुण जेटली अपना पक्ष रखते हुए कई बार भावुक हुए. जेटली ने कहा कि मैंने अपने पूरे राजनीतिक जीवन में कभी भी राजनीतिक आलोचना को लेकर कुछ भी नहीं कहा. लेकिन, इस बार मुझे अदालत में आकर मानहानि का मुकदमा करना पड़ा, क्योंकि इस बार मेरी निष्ठा और सच्चाई पर सवाल खड़े किये गये.
उन्होंने कहा कि मेरी छवि को जिस तरह से खराब किया गया, उसकी क्षतिपूर्ति नहीं की जा सकती. इस पर केजरीवाल की ओर से पेश वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी ने जेटली से सवाल पूछा, ‘वो इस बात को समझाएं कि कैसे उनके सम्मान को पहुंचे चोट की भरपाई नहीं हो सकती और ये नुकसान मापे जाने योग्य नहीं है. क्या आपके सम्मान को पहुंचे चोट का मामला ‘महानता के आपके निजी एहसास’ से तो जुड़ा नहीं है.’
इसके जवाब में जेटली ने कहा, ‘मेरे सम्मान की जितनी बड़ी हानि हुई है, उसका आकलन मुश्किल है.’ राम जेठमलानी ने जेटली से पूछा कि आपने ये कैसे तय कर लिया कि आपके सम्मान की भरपाई नहीं हो सकती है. कोर्ट में राम जेठमलानी की ओर से जेटली के लिए 52 सवाल रखे गये. बता दें कि आप ने आरोप लगाया है कि जब जेटली डीडीसीए के प्रमुख थे, तब वह और उनका परिवार संस्था में आर्थिक कुप्रबंधन के लिए जिम्मेदार थे. इस पर जेटली ने मानहानि का केस किया था.
आरोपी के तौर पर केजरीवाल तलब
दिल्ली की एक अदालत ने राज्यसभा सदस्य सुभाष चंद्रा द्वारा दायर आपराधिक मानहानि की शिकायत को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आरोपी के तौर पर तलब किया. मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट स्निग्धा सरवरिया ने केजरीवाल को 29 जुलाई को अदालत में पेश होने का निर्देश देते हुए कहा कि भादंसं की धारा 500 के तहत आरोपी अरविंद केजरीवाल को तलब करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं. चंद्रा ने नोटबंदी के बाद उनके खिलाफ गलत आरोप लगाये जाने पर केजरीवाल के खिलाफ मानहानि का केस किया था.
