आखिर पाकिस्तान ने किसके दबाव में हाफिज सईद को किया नजरबंद ?

नयी दिल्ली :अपनी नजरबंदी से ठीक पहले आतंकी हाफिज सईद ने सोशल मीडिया के माध्‍यम से एक बयान जारी किया जिसमें वह अपनी नजरबंदी के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच के दोस्ताना संबंध को जिम्मेदार बताता नजर आ रहा है. सईद की नजरबंदी के बाद […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 31, 2017 4:58 PM
नयी दिल्ली :अपनी नजरबंदी से ठीक पहले आतंकी हाफिज सईद ने सोशल मीडिया के माध्‍यम से एक बयान जारी किया जिसमें वह अपनी नजरबंदी के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच के दोस्ताना संबंध को जिम्मेदार बताता नजर आ रहा है. सईद की नजरबंदी के बाद पाकिस्तान में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है, लेकिन जानकारों की माने तो पाकिस्तान ऐसा करके मात्र दिखावा कर रहा है. यहां उल्लेख कर दें कि यह पहली बार नहीं है कि उसे नजरबंद किया गया हो. इससे पहले मुंबई आतंकी हमले के बाद उसे नजर बंद किया गया था और कुछ दिनों के बाद उसे छोड़ दिया गया था. आइए नजर डालते हैं, आखिर पाकिस्तान ने क्यों मजबूर होकर आतंकी हाफिज सईद को किया है नजरबंद…
पीएम मोदी की विदेश नीति
पाकिस्तान पर आतंकवाद को लेकर दबाव डालने में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अहम किरदार रहा है. 2014 में प्रधानमंत्री का पद संभालने के बाद नरेंद्र मोदी ने वैश्‍विक स्तर पर विदेश नीति पर बल दिया और आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को अलग-थलग करने की लगातार कोशिश की. अमेरिका सहित मुस्लिम देशों से उन्होंने गहरे संबंध स्थापित करने की ओर कदम बढाया. मोदी के मई 2014 में चुनाव में जीत प्राप्त करने के बाद अमेरिका के तत्कालीन राष्‍ट्रपति बराक ओबामा उन्हें सबसे पहले बधाई देने वाले नेताओं में शामिल थे और उन्होंने उन्हें व्हाइट हाउस आने का तत्काल निमंत्रण दिया था. दोनों नेता सितंबर 2014 में व्हाइट हाउस में मिले थे. तब से लेकर ओबामा के कार्यकाल समाप्त होने तक दोनों नेता कुल आठ बार मिले और आतंकवाद पर चर्चा की. यह किसी भारतीय-अमेरिकी नेता के बीच मुलाकात का एक रिकॉर्ड है. वहीं ,इस गणतंत्र दिवस पर अबु धाबी के क्राउन प्रिंस शेख मोहम्मद बिन ज़ायेद अल नाहयान मुख्य अतिथि थे और राजपथ पर यूएइ की सेना ने भी कदम ताल किया. भारत के यूएइ के साथ संबंध स्थापित करने को लेकर पाकिस्तानी पत्रकारों ने मोदी की जमकर तारीफ भी की थी.
राष्‍ट्रपति का संयुक्त संबोधित
31 जनवरी यानी आज से बजट सेशन की शुरुआत हो गई. कल यानी 1 फरवरी को संसद में बजट पेश किया जाएगा. राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने सेशन की शुरुआत से पहले दोनों सदनों को संयुक्त रूप से संबोधित किया जिसमें उन्होंने आतंकवाद का भी उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि भारत 40 साल से आतंकवाद से लड़ रहा है और किसी भी कीमत पर भारत झुकेगा नहीं. अन्य देशों के साथ मिलकर भारत आतंकवाद के खिलाफ लड़ता रहेगा. राष्‍ट्रपति ने आगे कहा कि 29 सितंबर को हमारी रक्षा सेनाओं ने एलओसी के पार आतंकवाद के खात्‍मे की कार्रवाई के तहत सर्जिकल स्‍ट्राइक को अंजाम दिया जो गर्व की बात है.
ट्रंप और मुस्लिम आतंकवाद
अमेरिका के नए राष्‍ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मुस्लिम आतंकवाद के खिलाफ लड़ने की चुनावी घोषणा की थी जिसपर वे अग्रसर भी हैं. उनके इस कदम से पाकिस्तान चिंतित है. इसलिए जानकारों की माने तो आतंकी हाफिज सईद को नजरबंद करके वह दिखावा कर रहा है. इधर पाकिस्तान ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सात मुस्लिम बहुल देशों के यात्रियों के लिए वीजा नीति की सोमवार को आलोचना की. उसने कहा कि यह आतंकवाद के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय एकता को नुकसान पहुंचाएगा. यहां उल्लेख कर दें कि ट्रंप ने गत शुक्रवार अमेरिका में शरणार्थियों को आने की अनुमति देने पर चार महीने के लिए रोक लगा दी और सीरिया और छह अन्य मुस्लिम बहुल देशों के यात्रियों के अमेरिका आने पर अस्थायी प्रतिबंध लगा दिया.
आतंक विरोधी मार्चा और पाकिस्तान
मुस्लिम देशों ने आतंक विरोधी मोर्चे का नेतृत्व पाकिस्तान को सौंपा है. यह मोर्चा पाकिस्तान के पूर्व सेना प्रमुख राहिल शरीफ की देखरेख में कार्य करेगा. यहां भी पाकिस्तान को अपना चेहरा साफ करना है इसलिए उसे आतंकियों पर ऐसी कार्रवाई करके दिखाना होगा कि वह आतंकवाद के खिलाफ सख्‍त है.

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