नोटबंदी: राजनीतिक दलों पर लगाम! सभी अमान्य नोटों के बदले नयी करेंसी नहीं होगी जारी

नयी दिल्ली : वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 500 व 1000 के पुराने नोटों को लेकर राजनीतिक दलों को रियायत दिये जाने की खबरों को खारिज किया है. उन्होंने कहा कि नोटबंदी के बाद कोई भी राजनीतिक दल 500 और 1000 रुपये के नोटों के रूप में चंदा नहीं ले सकता है. यदि कोई भी […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 18, 2016 8:17 AM

नयी दिल्ली : वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 500 व 1000 के पुराने नोटों को लेकर राजनीतिक दलों को रियायत दिये जाने की खबरों को खारिज किया है. उन्होंने कहा कि नोटबंदी के बाद कोई भी राजनीतिक दल 500 और 1000 रुपये के नोटों के रूप में चंदा नहीं ले सकता है. यदि कोई भी राजनीतिक दल ऐसा करता है, तो यह कानून का उल्लंघन होगा.

जेटली ने कहा कि राजनीतिक दलों को कोई रियायत नहीं दी जा रही है. उन्होंने स्पष्ट किया कि 15 दिसंबर, 2016 से लागू हुए संशोधित टैक्स अधिनियम के तहत भी ऐसी कोई छूट नहीं है. आइटी एक्ट, 1961 के सेक्शन 13-ए के तहत राजनीतिक दलों को अपने अकाउंट का ऑडिट, खर्च और आय की जानकारी और बैलेंस शीट जमा करानी होती है. वित्त मंत्री ने कहा कि अन्य लोगों और संगठनों की तरह राजनीतिक दल भी आठ नवंबर से पहले उनके पास आयी रकम को 30 दिसंबर तक बैंक में जमा करा सकते हैं. इसके लिए उन्हें पूरा स्पष्टीकरण देना होगा.
राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने भी ट्वीट कर कहा कि राजनीतिक दलों को दी जा रही कथित छूट से संबंधित खबरें भ्रामक हैं. अधिया ने लिखा कि कराधान संशोधन कानून के तहत राजनीतिक दलों को कोई छूट या विशेषाधिकार हासिल नहीं है. नोटबंदी के बाद कोई भी राजनीतिक दल बंद नोटों को चंदे के तौर पर नहीं ले सकता है. यदि कोई दल इसका उल्लंघन करती है, तो संबंधित एजेंसियां उनसे जवाब तलब कर सकती हैं.
सभी अमान्य नोटों के बदले नयी करेंसी नहीं होगी जारी
15.44 लाख करोड़ रुपये के पुराने अमान्य नोटों के स्थान पर इतनी ही राशि की नयी करेंसी जारी नहीं होगी. डिजिटल करेंसी इस अंतर को पूरा करेगी. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने नोटबंदी को साहसिक कदम बताया. यह भी कहा कि देश में इतनी क्षमता है कि वह ऐसे कदम उठा सके. बड़े नोटों पर बैन से एक नयी सोच और सामान्य चलन स्तर बना है. इससे पहले, पिछले सात दशक से जो सामान्य चलन था, वह स्वीकार्य नहीं है. फिक्की की वार्षिक आम बैठक में जेटली ने कहा कि नोटों को अमान्य करने के कदम से अर्थव्यवस्था, चलन में अधिक नकदी की समस्या से बाहर निकलेगी. यह भी कहा कि नोटबंदी के पीछे यह प्रयास रहा है कि चलन में कम नकदी को ही रखा जाये. हमारा प्रयास है कि बाकी अंतर को डिजिटल करेंसी के जरिये ही पूरा किया जाये. जेटली ने कहा कि नयी मुद्रा को चलन में लाने की पूरी प्रक्रिया में ज्यादा समय नहीं लगेगा. वहीं, भुगतान के लिए डिजिटल प्रणाली का इस्तेमाल बढ़ाने का काम तेजी से आगे बढ़ रहा है.

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