जीएसटी के अगस्त में पारित होने की उम्मीद : मेघवाल

नयी दिल्ली: वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के पारित होने के लिए क्षेत्रीय दलों से समर्थन पर भरोसा जताते हुए सरकार ने उम्मीद जताई कि राज्य सभा में अगस्त के पहले सप्ताह में अप्रत्यक्ष कर सुधार पारित हो जाएगा.वित्त राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि कांग्रेस की संविधान में जीएसटी की दर की […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 20, 2016 6:17 PM

नयी दिल्ली: वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के पारित होने के लिए क्षेत्रीय दलों से समर्थन पर भरोसा जताते हुए सरकार ने उम्मीद जताई कि राज्य सभा में अगस्त के पहले सप्ताह में अप्रत्यक्ष कर सुधार पारित हो जाएगा.वित्त राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि कांग्रेस की संविधान में जीएसटी की दर की सीमा तय करने की मांग ‘बहुत व्यावहारिक’ नहीं है लेकिन सरकार वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) पर सहमति बनाने की बहुत कोशिश कर रही है.

मेघवाल ने ऐसोचैम के एक समारोह के मौके पर कहा, ‘‘सरकार जीएसटी विधेयक पर सहमति बनाने के लिए काफी कोशिश कर रही है. कई मुख्यमंत्री – उत्तर प्रदेश, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, बिहार – चाहते हैं कि जीएसटी जल्दी पारित हो। हमें उम्मीद है कि संसद के मानसून सत्र के तीसरे सप्ताह में राज्य सभा जीएसटी विधेयक पारित कर देगी।” संसद का मौजूदा मानसून सत्र 18 जुलाई को शुरु हुआ और 12 अगस्त को खत्म होगा.
मेघवाल ने कहा कि जब कांग्रेस ने जीएसटी विधेयक का मसौदा तैयार किया था तो इसने संविधान संशोधन विधेयक में जीएसटी की दर की सीमा का उल्लेख नहीं किया था और अब कुछ सोचकर उन्होंने यह मांग रखी है. उन्होंने कहा, ‘‘हमें लगता है कि हमें जल्द समाधान मिल जाएगा.
‘ कांग्रेस ने 2009 में जीएसटी विधेयक को आगे बढाया था. पार्टी जीएसटी दर की सीमा 18 प्रतिशत तय करने और विनिर्माण आधारित राज्यों में संभावित राजस्व नुकसान की भरपाई के लिए एक प्रतिशत अतिरिक्त कर की व्यवस्था खत्म करने की मांग कर रही है. जीएसटी विधेयक का लक्ष्य नई अप्रत्यक्ष कर प्रणाली के जरिए 29 राज्यों को एकल बाजार में तब्दील करना है. पहले इसे इसी साल एक अप्रैल से अमल में लाने की योजना था, लेकिन इसकी समयसीमा पार हो गई क्योंकि विधेयक विपक्ष के दबदबे वाली राज्य सभा में अटका रहा.सूचना एवं प्रसारण मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा कि सरकार जीएसटी पर सहमति बनाने के लिए विभिन्न दलों के साथ निरंतर बातचीत कर रही है.
उन्होंने कहा, ‘‘आखिरकार हम चाहते हैं कि जीएसटी सहमति से पारित हो। हालांकि, हमारा मानना है कि फिलहाल वहां पर्याप्त संख्या है और हम चाहंेगे कि राज्य सभा इसे एकमत से पारित करे.” नायडू ने कहा कि जीएसटी का सबसे अधिक फायदा राज्यों को मिलेगा और मुख्यमंत्री चाहते हैं कि यह जल्द से जल्द पारित हो.
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे हर तरफ से जो संकेत मिल रहे हैं वह सकारात्मक है. मुझे उम्मीद है कि जीएसटी विधेयक इस सत्र में ही पारित हो जाएगा।” सरकार मौजूदा सत्र में राज्य सभा में जीएसटी विधेयक पर पांच घंटे की बहस के लिए सहमत हो गई है. क्षेत्रीय पार्टी जदयू ने विधेयक का समर्थन किया है.

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